हद है! बिछाते ही उखड़ने लगा है नेशनल हाईवे का डामर, एसडीएम ने सैंपल लैब में भेजे

हद है! बिछाते ही उखड़ने लगा है नेशनल हाईवे का डामर, एसडीएम ने सैंपल लैब में भेजे
हद है! बिछाते ही उखड़ने लगा है नेशनल हाईवे का डामर, एसडीएम ने सैंपल लैब में भेजे

कर्णप्रयाग (जितेन्द्र पंवार): सरकार विकास के लिए पैसा देती है। लेकिन विभागीय अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये कैसे ठिकाने लगाए जाते हैं इसका उदाहरण आप नेशनल हाइवे 109 पर कर्णप्रयाग में देख सकते हैं ।  करोड़ों रुपये की लागत से 47 किलोमीटर सड़क पर किया जा रहा घटिया डामर  बिछाते ही उखड़ने लगा है । जनता की शिकायत पर उपजिलाधिकारी कर्णप्रयाग में आज मौके पर जाकर कार्यदायी एजेंसी व विभाग के खिलाफ कार्यवाही कर डामर का सैम्पल लैब भेज दिया है ।  उत्तराखंड के पहाड़ी जिलो में खस्ताहाल सड़को की बात किसी से छुपी नहीं है , राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं ऐसे में इन दिनों सरकार द्वारा सड़कों को सुधारने के लिए पैसा खूब खर्च किया जा रहा है । लेकिन विभागीय अधिकारियों व कार्यदायी एजेंसियों द्वारा पैसों की बन्दर बांट कर सरकारी धन को ठिकाने लगाया जा रहा है । कर्णप्रयाग- नैनीताल नेशनल हाइवे 109 पर इन दिनों डामरीकरण का कार्य किया जा रहा है ।

बारिश के मौसम में डाला गया डामर बिछाते ही उखड़ने भी लगा गया है । जनता की शिकायत पर उपजिलाधिकारी कर्णप्रयाग वैभव गुप्ता ने आज मौके पर जाकर इस घटिया डामरीकरण के कार्य का निरीक्षण किया , जिससे वे भी खुद हैरान रह गए, उन्होंने मौके पर ही नेशनल हाइवे को अधिकारियों को बुला कर जमकर फटकार लगाई , और विभागीय अधिकारियों व कार्यदायी एजेंसी के खिलाप सीआरपीसी की धारा 133 के तहत चालान करने के आदेश दे दिए है । उन्होंने कहा कि डामरीकरण के कार्य मे लापरवाही बरती गई है , डामर का सेम्पल ले लिया गया है , सेम्पल की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी ।
वहीं जब हमने इस पूरे मामले को लेकर विभागीय अधिकारियों से पूछा तो विभागीय अधिकारी अब ठेकेदार के खिलाप कार्यवाही किये जाने की बात कर रहे है । अरे! महाराज जब डामर को पहले ही सही तरीके से बिछाया जाता तो आज यह नोबत आती ही क्यों ? इससे न सिर्फ जनता के पैसों का दुरुपयोग हो रहा है बल्कि मौजूदा डबल इंजन की सरकार की साख भी खराब हो रही है । लेकिन अब देखना होगा कि ख़बर चलने के बाद ऐसे लापरवाह अधिकारियों व ठेकेदारों के खिलाप आखिर प्रदेश सरकार व विभागीय उच्च अधिकारी क्या कार्यवाही करते है?