आपदा में पुलिस ने निभाई सराहनीय भूमिका: करीब दस हजार लोगों का किया रेस्क्यू, 18 हजार को पहुंचाया सुरक्षित स्थानों पर

आपदा में पुलिस ने निभाई सराहनीय भूमिका: करीब दस हजार लोगों का किया रेस्क्यू, 18 हजार को पहुंचाया सुरक्षित स्थानों पर
आपदा में पुलिस ने निभाई सराहनीय भूमिका: करीब दस हजार लोगों का किया रेस्क्यू, 18 हजार को पहुंचाया सुरक्षित स्थानों पर

नैनीताल:डीपीजी अशोक कुमार ने कहा है कि राज्य में आई आपदा में अब तक 76 लोगों की मौत हुई है। राहत व बचाव का सिलसिला जारी है। उत्तराखंड में ट्रैकिंग पर गए आठ लोग अब भी लापता हैं। रविवार को डीजीपी अशोक कुमार ने काठगोदाम में बही रेलवे लाइन व क्षतिग्रस्त गौला पुल का निरीक्षण किया। इसके बाद पुलिस बहुउद्देशीय भवन में अधिकारियों के साथ बैठक कर आपदा में हुए नुकसान व राहत कार्य की जानकारी ली। प्रेस वार्ता में डीजीपी ने कहा कि आपदा में ढाल बने पुलिस कर्मियों को गणतंत्र दिवस पर उत्कृष्ट मेडल से सम्मानित किया जाएगा।
आपदा में पुलिस कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर 18 हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया। प्रदेश में 9426 लोगों को रेस्क्यू किया। उन्होंने बताया कि उत्तरकाशी में ट्रैकिंग पर गए 11 सदस्यों में से सात के शव निकाले जा चुके हैं। दो को सुरक्षित बचा लिया गया। दो ट्रैकर अब भी वहां से लापता हैं। इसके अलावा बागेश्वर में ट्रैकिंग पर गए छह ट्रैकर भी लापता हैं। केदारनाथ धाम से 17 अक्टूबर को 13 हजार यात्रियों को खाली कराया गया।
एसएसपी की थपथपाई पीठ
डीपीजी अशोक कुमार ने आपदा में बचाव व राहत के लिए एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी की सराहना की। उन्होंने कहा इंटरनेट मीडिया में पुलिस की सक्रियता लगातार देखने को मिली। एसएसपी ने बताया कि 16 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक 6113 वाहनों में 13207 व्यक्तियों को पर्वतीय क्षेत्र में जाने से लोगों को रोका गया।
बैठक में ये रहे शामिल
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डीआइजी डा. नीलेश आनंद भरणे, एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी, एसपी क्राइम हरीश वर्मा, एसपी सिटी डा. जगदीश चंद्र, क्षेत्राधिकारी लालकुआं सर्वेश पंवार, सीओ सिटी शांतनु पाराशर, सीओ यातायात प्रमोद शाह आदि मौजूद रहे।