ब्रैम शंकर जिम्पा ने पंजाब के सीमावर्ती जिलों में पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए केंद्र से धन की मांग की

ब्रैम शंकर जिम्पा ने पंजाब के सीमावर्ती जिलों में पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए केंद्र से धन की मांग की

पंजाब के जल आपूर्ति और स्वच्छता मंत्री ब्रम शंकर जिंपा ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत से मांग की है कि पंजाब के सीमावर्ती जिलों में पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए केंद्र सरकार को पंजाब का सहयोग करना चाहिए और केंद्रीय फंड का एक बड़ा हिस्सा इन क्षेत्रों के लिए आवंटित किया जाना चाहिए। 

जिम्पा ने यह मांग भोपाल में राष्ट्रीय सम्मेलन 'वाटर विजन@2047' में अपने संबोधन के दौरान की, जहां गजेंद्र शेखावत समेत विभिन्न राज्यों के मंत्री मौजूद थे.

यह भोपाल में आयोजित अपनी तरह का पहला सम्मेलन था जिसमें कई राज्यों के मंत्रियों, विशेषज्ञों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और पानी के कुशल उपयोग और इसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। जिंपा ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार बेहतर गुणवत्ता वाले पेयजल मुहैया कराने को लेकर काफी चिंतित है और इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि सीएम मान की सरकार बनने के बाद सरकार ने स्वच्छ पेयजल पर विशेष ध्यान दिया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि जब भगवंत मान राजनीति में नहीं आए थे, तब भी वे उन क्षेत्रों में जाते थे और लोगों की समस्याओं को उठाते थे, स्वच्छ पेयजल की मांग करते थे।

जिंपा ने कहा कि भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब में सरकार बनते ही उन्होंने अपने मंत्रियों और विधायकों को स्पष्ट तौर पर निर्देश दिया कि वह ऐसे क्षेत्रों का दौरा कर लोगों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करें जहां भूजल साफ और पीने योग्य नहीं है। ऐसे सभी क्षेत्रों में आरओ स्थापित करें।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासों से पंजाब के 34.26 लाख ग्रामीण घरों में से 34.24 लाख घरों में पाइप के माध्यम से पेयजल पहुंचाया जा चुका है और यह दर 99.94 प्रतिशत है।

जिंपा ने पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में पानी की गुणवत्ता का जिक्र करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे फिरोजपुर, फाजिल्का, गुरदासपुर और बठिंडा जैसे कई अन्य जिलों का भूजल पीने योग्य नहीं है. पानी में भारी धातु और यूरेनियम जैसे तत्व पाए जा रहे हैं जिससे कई लोग कैंसर से पीडि़त हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बच्चों के बाल सफेद हो रहे हैं और उन्हें कई तरह की बीमारियां भी हो रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इन क्षेत्रों में काफी काम कर रही है और पंजाब में जल सुधार के लिए स्थापित प्रयोगशालाओं और अन्य साधनों के माध्यम से बड़े पैमाने पर प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी और प्रयास करने की जरूरत है, इसलिए केंद्र को और फंड आवंटित करना चाहिए।

संगोष्ठी की थीम 'वाटर विजन @ 2047' के बारे में बोलते हुए जिंपा ने कहा कि अगले 25 वर्षों के लिए पानी का खाका तैयार करना और भविष्य के लिए सोचना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रकृति की सबसे महत्वपूर्ण निधि जल को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह की पहल पहले कभी नहीं की गई।