पंजाब के डॉक्टर का फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र रद्द

पंजाब के डॉक्टर का फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र रद्द

सामाजिक न्याय, अधिकारिता एवं अल्पसंख्यक मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि डॉक्टर के पद पर कार्यरत हरपाल सिंह पुत्र अजीत सिंह लुधियाना का फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र पंजाब सरकार द्वारा गठित राज्य स्तरीय जांच कमेटी द्वारा खारिज कर दिया गया है। 

इस संबंध में जानकारी देते हुए सामाजिक न्याय, अधिकारिता एवं अल्पसंख्यक मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि गुरिंदर सिंह नई दिल्ली की पत्नी हरदीप कौर ने प्रधान सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता एवं अल्पसंख्यक विभाग के पास एक शिकायत दर्ज कराई थी।

इस शिकायत में खुलासा हुआ कि लुधियाना के अजीत सिंह के बेटे हरपाल सिंह ने फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र हासिल किया है।

मंत्री ने आगे कहा कि हरपाल सिंह वास्तव में रामदसिया जाति के हैं, लेकिन उन्होंने रामदसिया जाति का फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र बनवाया है. इस प्रमाणपत्र के आधार पर उन्होंने वर्ष 1985-86 में सरकारी मेडिकल कॉलेज, अमृतसर में एमबीबीएस में प्रवेश लिया और अब लुधियाना में एक निजी डॉक्टर (एनेस्थीसिया) के रूप में काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सतर्कता सेल की रिपोर्ट पर विचार करते हुए राज्य स्तरीय जांच समिति ने पुष्टि की है कि हरपाल सिंह का अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र फर्जी है और इसे रद्द करने का निर्णय लिया गया है।

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि विभाग ने हरपाल सिंह के अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र दिनांक 05.08.1982 को रद्द करने और जब्त करने के लिए लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर को पत्र लिखा है।

डॉ. बलजीत कौर ने इस बात पर जोर दिया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य की अनुसूचित जातियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।