BIG BREAKING जेजेपी में टूट के आसार ?, मनोहर लाल की रणनीति में उलझ गए दुष्यंत ?

BIG BREAKING जेजेपी में टूट के आसार ?, मनोहर लाल की रणनीति में उलझ गए दुष्यंत ?

हरियाणा की सियासत लगातार बदल रही है। एक तरफ तो दुष्यंत चौटाला कांग्रेस को बाहर से अपने दस विधायकों के समर्थन के साथ बीजेपी सरकार गिराने में कांगेस की मदद करने की बात कह रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ सवाल ये है कि क्या जेजेपी के सारे दस विधायक पार्टी के साथ हैं भी या नहीं। क्योंकि ख़बर है कि महिपाल ढांडा जो बीजेपी के विधायक हैं पूर्व सीएम उनके आवास पर पहुंचे हैं जहां जेजेपी के भी कुछ विधायक पहुंचे हैं। जिनमें एक नाम जोगीराम सिहाग का है। देवेंद्र बबली भी पहुंच सकते हैं। और देवेंद्र बबली के बारे में सब जानते हैं कि वो पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कितने करीब हैं। राम कुमार गौतम के कैसे रिश्ते दुष्यंत चौटाला से हैं वो सभी जानते हैं, रामनिवास सुरजाखेड़ा खुद कैमरे के सामने बोल चुके हैं कि वो बीजेपी का समर्थन करेंगे चुनावों में, ईश्वर सिंह भी उन पांच विधायकों में शामिल थे जो 13 मार्च के दिन मुख्यमंत्री नायब सैनी के विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने वाले दिन पहुंचे थे जबकि पार्टी का आदेश था कि कोई भी विधानसभा की कार्यवाही में ना जाए। हालांकि ये बात अलग है कि ये विधायक विश्वास मत पर वोटिंग के दौरान गैर हाजिर थे ।

वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री नायब सैनी भी ये बात कह चुके हैं कि दुष्यंत चौटाला अपने विधायकों के बारे में सोचें कि वो उनके साथ हैं या नहीं। हालांकि दुष्यंत ये जरूर कह रहे हैं व्हिप की पावर से सभी विधायक उनके साथ आएंगे।

लेकिन सारी सियासी तस्वीर में जो एक बात नजर आई कि जब से निर्दलीय विधायक कांग्रेस में गए और उसके बाद जो सारा घटनाक्रम हुआ उसके बाद से सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री का महिपाल ढांडा के आवास पर पहुंचने पर ही बीजेपी बाहरी तौर पर सक्रिय दिखी है। नहीं तो ऐसा लग रहा था मानो बीजेपी को कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा हो। लेकिन अब बीजेपी के इस कदम ने जेजेपी की टेंशन जरूर बढ़ा दी होगी। हालांकि जेजेपी को भी अंदरखाते इस बात का एहसास तो जरूर होगा कि उसका कौन सा विधायक किसके प्रति अपना समर्पण भाव रखता है ये बात अलग है कि खुले तौर पर ना तो पार्टी ना दुष्यंत चौटाला इस बात को कबूल सकते हैं क्योंकि ये उनकी राजनीतिक मजबूरी है।