निजी संगठनों से उपहार नहीं ले सकेंगे IAS अधिकारी, पढ़े पूरी ख़बर 

 निजी संगठनों से उपहार नहीं ले सकेंगे IAS अधिकारी, पढ़े पूरी ख़बर 

 भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS ) के अधिकारी अब निजी संस्थाओं, संगठनों और निकायों से सम्मान के नाम पर आर्थिक लाभ या सुविधाएं नहीं ले सकेंगे। अगर वे ऐसा करते हैं तो इसे भ्रष्टाचार मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। हालांकि सरकार की मंजूरी के बाद कोई अधिकारी निजी संस्थाओं और संगठनों के सम्मान कार्यक्रम में शामिल हो सकता है, लेकिन संस्था निर्विवाद होनी चाहिए।

मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से हरियाणा काडर के सभी आईएएस अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। कई आईएएस अधिकारियों द्वारा नियमों का उल्लंघन कर निजी संगठनों के कार्यक्रम में शामिल होने और आर्थिक लाभ व अन्य सुविधाएं लेने की शिकायतें सरकार के पास पहुंच रहीं थी।

इस पर संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार के कार्मिक, लोक शिकायतें और पेंशन मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को हिदायत दी है कि इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाएं। किसी निर्विवाद निजी निकाय, संस्था और संगठन का कार्यक्रम है तो प्रशासनिक सचिव की मंजूरी से आइएएस अधिकारी इसमें शामिल हो सकते हैं, लेकिन पुरस्कार में नकदी और सुविधाओं के रूप में कोई मौद्रिक घटक नहीं होना चाहिए।

सरकारी कर्मचारी या अधिकारी निजी ट्रस्ट या फाउंडेशन से नहीं ले सकते पुरस्कार
कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी निजी ट्रस्ट या फाउंडेशन से किसी भी स्थिति में पुरस्कार में मौद्रिक लाभ नहीं ले सकता है। सीसीएस (आचरण) नियम में स्पष्ट प्रविधान है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी सरकार की पूर्व मंजूरी के बिना कोई प्रशंसापत्र स्वीकार नहीं करेगा और न ही उसके सम्मान में आयोजित किसी कार्यक्रम में शामिल होगा। हालांकि

किसी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति पर आयोजित निजी और अनौपचारिक विदाई समारोह में शामिल होने की छूट दी गई है, लेकिन इसमें भी कोई उपहार नहीं लिया जा सकता।