फरिश्ते योजना पर उपराज्यपाल का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण', सौरभ भारद्वाज ने दिया पूरा ब्योरा

फरिश्ते योजना पर उपराज्यपाल का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण', सौरभ भारद्वाज ने दिया पूरा ब्योरा

उपराज्यपाल विनय सक्सेना की ओर से 'फरिश्ते' योजना से जुड़े आरोपों का खंडन करने के बाद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने प्रतिक्रिया दी है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि योजना पर उपराज्यपाल का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है. एक बयान में भारद्वाज ने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उपराज्यपाल को भी उनके अधिकारियों ने गलत जानकारी दी है." फरिश्ते योजना के तहत लाभार्थियों की वार्षिक संख्या और व्यय बताते हुए, मंत्री ने कहा कि 2018-19 में 1,540, वर्ष 2019-20 में 4,418, 2020-21 में 6,131, 2021-22 में 5,456, 2022 -23 में 3,698 और अप्रैल 2023 से इस साल अक्टूबर तक 2,212 लोग लाभान्वित हुए।

मंत्री भारद्वाज ने कहा कि 2018-19 में 2.74 करोड़ रुपये, 2019-20 में 9.4 करोड़ रुपये, 2020-21 में 9.5 करोड़ रुपये, 2021-22 में 5.95 करोड़ रुपये और 2022-23 में 4.85 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. उन्होंने कहा कि इस वर्ष अप्रैल से अक्टूबर तक योजना के तहत 2.08 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. उन्होंने कहा कि इस डेटा से स्पष्ट है कि 2018 में लॉन्च होने के बाद इस योजना के बारे में जागरूकता बढ़ने के साथ लाभार्थियों की संख्या भी बढ़ने लगी. वर्ष 2020-21 में यह संख्या 6,131 तक पहुंच गई और फिर वर्ष 2021-22 में घटकर 5,456 हो गई।

भारद्वाज ने कहा कि वर्ष 2022-23 में यह और घटकर 3,698 हो गया और तब इस मामले को तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री मनीष सिसोदिया ने बहुत गंभीरता से उठाया था. उन्होंने कहा, इसी तरह की गिरावट की प्रवृत्ति स्वास्थ्य विभाग की ओर से फरिश्ते योजना पर किए गए खर्च में भी दिखाई देती है. उन्होंने कहा कि एलजी को गलत जानकारी दी गई है कि इस साल अक्टूबर तक 3.54 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है, जबकि सच्चाई यह है कि केवल 2.08 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. भारद्वाज ने कहा, "स्वास्थ्य विभाग ने विधानसभा प्रश्न के उत्तर में यह भी बताया है कि फरिश्ते योजना के लिए 8 करोड़ रुपये लंबित हैं।"