हिंसा की आग में फिर झुलसा मणिपुर, अभी तक 160 से अधिक की मौत

हिंसा की आग में फिर झुलसा मणिपुर, अभी तक 160 से अधिक की मौत

मणिपुर में कुकी और मैतेयी समुदाय के बीच शुरू हुई हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. बीते शुक्रवार (8 सितंबर) मणिपुर के तेंगनौपाल जिले के पल्लेल इलाके में दो अलग-अलग अज्ञात गुटों के बीच झड़प हो गई. इस झड़प में गोली लगने से दो लोगों की मौत हो गई. वहीं, झड़पों और गोलीबारी की घटनाओं में महिलाओं, सेना के एक मेजर सहित लगभग 50 लोग घायल हो गए।

अधिकारियों की मानें, तो शुक्रवार की सुबह दो अज्ञात गुटों के बीच गोलीबारी सुबह करीब छह बजे शुरू हुई और तब से यह रुक-रुक कर लगातार जारी रही. इस दौरान एक व्यक्ति की मौत भी हो गई. वहीं, एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया।

घायल व्यक्ति को इंफाल स्थित रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया. फायरिंग की खबर लगते ही थाउबल और काकचिंग से लोग पल्लेल पहुंचने लगे. माहौल को तनावपूर्ण होता देख असम राइफल्स के अधिकारियों ने लोगों को रोकना शुरू किया।

मौके पर मौजूद अधिकारियों का कहना है कि भीड़ को बेकाबू होता देख असम राइफल्स ने आंसू गैस के गोले दागे. इसके बाद भगदड़ मचने से सेना के एक मेजर समेत 50 लोग घायल हो गए. वहीं, दो अज्ञात गुटों के बीच हुई इस फायरिंग में 48 साल के एक व्यक्ति की मौत हो गई. 

रिपोर्ट्स की मानें, तो 3 मई के बाद से अभी तक मणिपुर में जातीय हिंसा की वजह से लगभग 160 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. वहीं, सैकड़ों से अधिक लोग घायल हुए हैं।

बुधवार को हजारों प्रदर्शनकारी विष्णुपुर जिले के फौगाकचाओ इखाई में इकट्ठा हुए. वे सभी तोरबुंग में अपने घरों तक पहुंचने के लिए सेना के बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश भी की, जिसके बाद एहतियात के तौर पर मणिपुर के सभी पांच घाटी जिलों में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया था।