अल्मोड़ा: पुलिस ने काटा 16500 का चालान तो बाइक सवार ने गोल्ज्यू के दरबार में लगा दी अर्जी

अल्मोड़ा: पुलिस ने काटा 16500 का चालान तो बाइक सवार ने गोल्ज्यू के दरबार में लगा दी अर्जी
अल्मोड़ा: पुलिस ने काटा 16500 का चालान तो बाइक सवार ने गोल्ज्यू के दरबार में लगा दी अर्जी

अल्मोड़ा: कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए कर्फ्यू का पालन पुलिस सख्ती से करा रही है। इद स दौरान एक अनोखा वाकया हो गया। दरअसल कोरोना कर्फ्यू के बीच बिना कागजात व हेलमेट के बाइक दौड़ा रहे एक युवक का पुलिस ने 16500 रुपये का चालान काट दिया। इस पर आहत युवक ने जो कदम उठाया उसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। युवक ने इस चालान के खिलाफ न्याय देवता गोल्ज्यू महाराज के दरबार में अर्जी लगा दी। पुलिस पर नाइंसाफी का आरोप लगाकर इस युवक ने लोकदेवता से न्याय की गुहार लगाई। इधर पुलिस के अनुसार कागजात दिखाने पर नियमों के तहत चालान की राशि घटा दी गई।
दरअसल चितई निवासी दीपक सिराड़ी का पुलिस ने चालान काट दिया। आरोप था कि रोके जाने पर वह नहीं रुका। इस पर सख्ती कर उसे रोका गया। पुलिस का दावा है कि उसके पास आरसी, प्रदूषण, बीमा, हेलमेट, डीएल नहीं था। विधि निर्देशों का उल्लंघन व बाइक चलाते वक्त मोबाइल से बात करने समेत 16500 रुपये का चलान काटा गया। इधर बाइक चालक दीपक ने कार्रवाई के खिलाफ चितई स्थित न्याय देवता गोल्ज्यू महाराज के मंदिर में अर्जी लगा इंसाफ की गुहार लगाई।
गरीब परिवार से है युवक
युवक का कहना है कि वह गरीब परिवार से है। दादी का स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह दवा लेने बाजार आया था। वह होटल में बर्तन धो कर ढाई हजार रुपये कमाता है। बीते दो माह से वह भी नहीं मिले। मगर पुलिस ने 16500 रुपये का चालान काट नाइंसाफी की है। उसकी बाइक भी कोतवाली में खड़ी करा दी गई। उसने न्याय देवता के मंदिर में लगाई अर्जी में लिखा है कि 'दरबार में बड़ी आस लेकर आया हूं न्याय करना। अगर मैं गलत हूं तो मुझे दंड देना, नहीं तो इन्हें (पुलिस को)'।

'सीओ से मामला पता किया। चालान नियमानुसार ही काटा गया। चालक के पास जो कागजात नहीं पाए जाते, चालान प्रपत्र में सब दर्ज कर ही चालान की राशि जोड़ी जाती है। संबंधित व्यक्ति जो अभिलेख प्रस्तुत करता है, चालान की राशि कम होती जाती है। बुधवार को युवक ने जो जो कागजात दिखाए उसी आधार पर चालान की राशि घटाकर जमा कराए गए। बाइक भी छोड़ दी गई है। हमारी अपील है कि कोरोनाकाल में बेवजह बाजार न घूमें। बहुत जरूरी होने पर ही आएं लेकिन यातायात नियमों का भी ध्यान रखें। पंकज भट्ट, SSP