उत्तराखंड: इस स्वीमिंग पूल की खूबसूरती पर मुग्ध हुए आनंद महिंद्रा, आना चाहते हैं देखने
पिथौरागढ़: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के सुदूर सीमावर्ती क्षेत्र में समुद्र तल से आठ हजार किमी की ऊंचाई पर बसे खोला गांव अचानक चर्चा में आ गया है। दरअसल यहां के युवाओं ने गांव के बाहर बारिंग के पास निकलने वाले पहाड़ी झरने के पानी को थोड़ी सी समतल जगह पर सीमेंट की मदद से रोक कर स्वीमिंग पूल की शकल दे दी। इसकी फोटो गांव के ही नरेश धामी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। देखते ही देखते यह वायरल हो गया और मंगलवार को इसे प्रसिद्ध उद्योगपति आनन्द महिंद्रा ने रीट्विट कर कैप्शन लिखा, 'इसे देखने के लिए इंतजार नहीं कर सकता। मैंने ऐसा कुछ पहले नहीं देखा। अब से यह मेरी ट्रेवल बकेट लिस्ट में शामिल है। इसके बाद तो खोला गांव की फोटो 'स्वर्ग में स्वीमिंग पूल' हैशटैग के साथ ट्रेंड करने लगी। इसे शुक्रवार रात तक 7606 लाइक मिले।
Whaaaat?? I’ve never seen anything like this. This HAS to go in my travel bucket list as the ultimate swimming experience. Where exactly is this @Sidbakaria ? Need GPS coordinates! https://t.co/lfOciyiCyQ
— anand mahindra (@anandmahindra) July 6, 2021
कहां पर है यह स्वीमिंग पूल?
धारचूला तहसील का खोला गांव तवाघाट से सात किमी दूर है। यहां तक सड़क से जाया जा सकता है। इसके बाद सीधी चढ़ाई है। यहीं से उच्च हिमालयी गांव दारमा व लिपुलेख भी जा सकते हैं। गांव के स्वामी वीरेंद्रानन्द व दुर्गा सिंह धामी बताते हैं कि आबादी करीब एक हजार है। गांव के अधिकतर युवा बाहर ही काम करते हैं। यहां जो हैं वे खेती में रमे हैं। उन्होंने ने ही खुद पहल कर गांव के बाहर स्वीमिंग पूल तैयार किया है।
नहाने के साथ सिंचाई का भी काम
स्वीमिंग पूल में जमा पानी नहाने के साथ ही निचले हिस्सों के खेतों की सिंचाई में भी काम आता है। अधिकतर ग्रामीण सब्जी उगाते हैं।
परिवहन और संचार सेवा से वंचित
सीमांत का खोला गांव आज भी परिवहन, संचार और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। यही कारण है कि अधिकतर युवा यहां से पलायन कर चुके हैं। बातचीत के लिए लोग नेपाली सिम का प्रयोग करते हैं। बीएसएनएल का यहां नेटवर्क ही नहीं रहता। रसोई गैस सिलिंडर भी सात किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई के बाद किसी तरह गांव लाया जाता है।