2012 में दरिंदगी का शिकार बनी उत्तराखंड की बेटी को न्याय दिलाने को हम सब कुछ करेंगे: सीएम

2012 में दरिंदगी का शिकार बनी उत्तराखंड की बेटी को न्याय दिलाने को हम सब कुछ करेंगे: सीएम

देहरादून:सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के छावला इलाके में 2012 में उत्तराखंड के पौड़ी निवासी 19 वर्षीय युवती का अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में मौत की सजा पाए तीन आरोपियों को बरी कर दिया। इस पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कोर्ट ने जो फैसला किया है, उस पर उन्होंने केस देख रहीं एडवोकेट चारू खन्ना से बात की है। साथ ही इस मुद्दे पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू से भी बात की गई है। उन्होंने कहा कि पीड़िता हमारे देश की बेटी है और उसे न्याय दिलाने के लिए हम सब कुछ करेंगे। वहीं, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड की बेटी को न्याय मिले इसके लिए राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करनी चाहिए।
बेटी को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ेंगे प्रवासी उत्तराखंडी
उत्तराखंड की बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट से दोषियों की रिहाई के मामले में प्रवासी उत्तराखंडियों में भी गुस्सा है। मंगलवार को नई दिल्ली स्थित गढ़वाल भवन में प्रवासी उत्तराखंडियों ने एक सभा आयोजित कर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर निराशा के साथ आश्चर्य जताया।
वहीं, इस मामले को लेकर सर्वसम्मति से पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला लिया गया। इस सभा में भाग लेने के लिए देहरादून से दिल्ली पहुंचे राज्य आंदोलनकारी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धीरेंद्र प्रताप ने सुप्रीम कोर्ट में मुकदमे की पैरवी के लिए 50 हजार रुपये की सहायता दिए जाने का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि बैठक में इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता संजय धर्मोड़ा को लीगल सहायता सेल का संयोजक चुना गया।
धीरेंद्र ने बताया कि बैठक में मौजूद प्रतिनिधियों ने निर्णय लिया है कि इस मामले में जनजागृति के लिए गोष्ठियां आयोजित की जाएंगी और जागृति मार्च निकाले जाएंगे। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तमाम उत्तराखंडियों में भारी आक्रोश है। बैठक में दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव संजय दर्मोड़ा, आम आदमी पार्टी के पर्वतीय सेल के अध्यक्ष बृजमोहन उप्रेती, गढ़वाल सभा के अध्यक्ष अजय बिष्ट, सांस्कृतिक सचिव संयोगिता ध्यानी, सोशल एक्टिविस्ट प्रेमा धोनी, चारु तिवारी, पत्रकार सुनील नेगी, कांग्रेस नेता लक्ष्मण रावत, ईश्वर रावत, भाजपा नेता विनोद बछेती समेत सांस्कृतिक और सामाजिक संगठनों के डेढ़ सौ से अधिक प्रतिनिधि मौजूद रहे।