‘घरैकि पहचाण चेलिक नाम’ अभियान का शुभारंभ, सीएम ने कहा एक दिन अभियान बनेगी यह कोशिस

‘घरैकि पहचाण चेलिक नाम’ अभियान का शुभारंभ, सीएम ने कहा एक दिन अभियान बनेगी यह कोशिस
‘घरैकि पहचाण चेलिक नाम’ अभियान का शुभारंभ, सीएम ने कहा एक दिन अभियान बनेगी यह कोशिस

नैनीताल: परम्परागत रीति को नई दिशा देते हुये समाज के सृजन के उददेश्य से बालिकाआंे को अपेक्षाकृत अधिक सम्मान देते हुये ‘‘घरैकि पहचाण चेलिक नाम’’ कार्यक्रम की अभिनव शुरूआत सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिह रावत ने टीआरसी सूखाताल मे आयोजित कार्यक्रम में की। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को उत्तराखंड में एक कदम और आगे बढ़ाया जा रहा है। इस परंपरा के तहत परिवार की सबसे छोटी बेटी के नाम पर उस घर की पट्टिका लगाई जाएगी, ताकि घर की पहचान बिटिया के नाम पर हो सके। प्रथम चरण में इस नई परंपरा की शुरुआत नैनीताल जिले की नैनीताल नगरपालिका से की गयी और जिले के सभी विकासखंडों का एक-एक ग्राम चयनित किया गया है। सबसे अहम बात यह है कि पट्टिका में बेटी के नाम की पट्टिका बनाए जाने में ऐपण कला का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे स्थानीय कला को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
यह छोटी सी कोशिश एक दिन अभियान बनेगी 
    मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि यह छोटी सी कोशिश एक दिन अभियान बनेगी और हर घर का नाम बेटी के नाम पर होगा। हमारी सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि हाल ही में सरकार ने महिलाओं को पति की पैतृक संपत्ति में सहखातेदार का अधिकार दिया है। इससे महिलाओं को स्वरोजगार के लिए बैंक से लोन मिल सकेगा और वे स्वावलंबी बन सकेंगी। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए हमें महिलाओं को समान अधिकार और समान अवसर देने होंगे। हमारी सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक, मानसिक के साथ ही शारीरिक दृष्टि से भी सशक्त बनाया जा रहा है। उनके सम्मान में कोई कसर बाकी नहीं रखी जायेगी। 
समारोह में कई महिलाओं को उनके बेटी के नाम की पट्टिका घर पर लगाने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदान की। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि रूरल ग्रोथ सेंटर्स के आज बहुत अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। आज हमने उन ग्रोथ सेंटर्स के लिए स्वयं सहायता समूहों से 5 लाख रूपए तक की खरीदारी सरकार द्वारा किए जाने का निर्णय हुआ है। हम इन समूहों को 5 लाख रूपए तक का ब्याज मुक्त ऋण भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें नौकरी की मानसिकता से हटना होगा। इसके लिए हमारी सरकार ने स्वरोजगार सृजित करने का कार्य किया है। इसी के तहत स्वरोजगार योजना, सोलर स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री कृषक कल्याण योजना, घसियारी योजना, युवाओं के लिए मोटर बाइक टैक्सी, पिरूल से बिजली उत्पादन योजना आदि संचालित की जा रही है ताकि हम अपने पैरों पर खड़े हो सकें। 
नैनीताल को पार्किंग की सौगात
 श्री रावत ने कहा कि राज्य गठन के समय राज्य में वाहनों की संख्या लगभग 4.5 लाख थी और वर्तमान में राज्य में वाहनों की संख्या 26 लाख से अधिक है। श्री रावत ने वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए घोषणा की कि नैनीताल में पार्किंग के लिए भवाली में 300 वाहनों की पार्किंग, कचहरी परिसर में 400 वाहनों की बहुमंजिला पार्किंग, फासी गधेरा में 100 वाहनों की पार्किंग का निर्माण किया जाएगा। अभी तक यहां 450 वाहनों की पार्किंग है, अब 800 वाहनों की पार्किंग और होने से यह संख्या लगभग तिगुनी हो जाएगी। 
 श्री रावत ने 4338.35 लाख की धनराशि के कार्यो का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया। जिसमें 4002.40 लाख के कार्यों का शिलांयास तथा 335.95 लाख के कार्यों का लोकार्पण किया गया। जिसमें नैनीताल-कालाढूगी मोटर मार्ग पर केएमवीएम पार्किग से बारात घर एवं देवदार लाॅज के सामने रोड के किनारे सरफेस पार्किंग लागत 69.85 लाख एवं नैनीताल-हल्द्वानी मोटर मार्ग मे रूसी बैण्ड से डांट तल्लीताल नैनीताल तक सौन्दर्यीकरण कार्य लागत 48.08 लाख की लागत की योजनाओं का लोकार्पण किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री रावत ने तहसील परिसर हल्द्वानी मे बने हाईटैक शौचालय लागत 29.43 लाख, खैरना मे हाईटैक शौचालय लागत 39.68 लाख,रूसी बाईपास मे हाईटैक शौचालय लागत 99.88 लाख, तहसील परिसर लालकुआं मे हाईटैक शौचालय लागत 17.85 लाख व मुक्तेश्वर में 31.22 लाख एवं की लागत से बनने वाले हाईटैक शौचालय का लोकार्पण किया।
 श्री रावत ने  2577.42 लाख की लागत से सूखाताल को रिचार्जिंग जोन एवं टूरिस्ट डेस्टिनेशन, 605.05 लाख की लागत से सातताल मे विकास एवं सौन्दर्यीकरण कार्य, 214.83 लाख की लागत से मल्लीताल नाला न-23 तिराहे से जलसंस्थान के कार्यशाल तक नाला कवरिंग, 158.91 लाख की लागत से सूखाताल में कार पार्किंग,छत पर कुमाऊंनी शैली मे हाॅट एवं फूड एण्ड क्राफ्ट कोर्ट का निर्माण तथा 446.19 लाख की लागत से मुक्तेश्वर सर्किट में हिमालय दर्शन थीम के आधार पर विकास एवं भीमताल मे करकोटक की चोटी का पर्यटन की दृष्टि से विकास एवं सौन्दर्यीकरण का शिलान्यास किया।