उत्तराखंड का कोई भी गांव बिना मोबाइल नेटवर्क के नहीं रहेगा, त्रिवेन्द्र सरकार ने कसी कमर
उत्तराखंड के संचार सुविधाओं से विहीन गांवों में मोबाइल नेटवर्क पहुंचाने के लिए त्रिवेन्द्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी नीति में बदलाव किया जा रहा है। इस आशय का प्रस्ताव शुक्रवार को कैबिनेट की मीटिंग में पास किया गया। इसके एक बड़ा फैसला लेते हुए त्रिवेन्द्र सरकार निजी कंपनियों को 40 लाख रुपये तक की मदद देगी। जिससे कि वे टावर लगाने के लिए प्रोत्साहित हों। दरअसल इन इलाकों में कम आबादी व अधिक लागत के चलते कंपनियां नेटवर्क देने से बचती हैं। दरअसल अभी राज्य के 465 गांवों में मोबाइल नेटवर्क नहीं है। ऐसे गांवों को तकनीकी पैमाने पर डार्क विलेज माना जाता है। इसमें ज्यादातर गांव सीमांत क्षेत्र के हैं। मोबाइल व तकनीक से महरूम इन गांवों में तेजी से पलायन हो रहा है। वहीं आपदा के दौरान मुसीबत और बढ़ जाती है। इससे सामरिक लिहाज से चिंताएं पैदा हो रही हैं। अब इसके लिए सरकार दुर्गम इलाकों में मोबाइल नेटवर्क बढ़ाने पर जोर दे रही है। अब सरकार ने ऐसे गांवों में नई लाइन बिछाने और मोबाइल टावर लगाने के लिए कंपनियों को प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया है। सरकार कंपनियों को लागत पर अधिकतम 40लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि देगी। राज्य कैबिनेट ने इसके लिए शुक्रवार को सूचना प्रौद्योगिकी पॉलिसी में बदलाव पर मुहर लगा दी है।