लंबे अरसे बाद उत्तराखंड को हासिल हुई राजनीतिक स्थिरता

लंबे अरसे बाद उत्तराखंड को हासिल हुई राजनीतिक स्थिरता
CM Trivendra Singh Rawat (File Pic)

देहरादून: उत्तराखंड बनने के 20 वर्ष पूरे होने को हैं। इन 20 वर्षों में अब तक केवल एनडी तिवारी ही बतौर अपना कार्यकाल पूरा कर पाए हैं। अब त्रिवेन्द्र सिंह रावत यह उपलब्धि हासिल कर सकते हैं। वरना जितने भी मुख्यमंत्री बने उनके आते ही विदाई की चर्चा शुरू हो जाती थीं और आखिरकार वह सभी इसी तरह रुखसत भी होते रहे लेकिन त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस परंपरा को बदल दिया। हालांकि उनको हटाए जाने की अफवाहें लगातार उनके विरोधियों ने जमकर लगातार ही उड़ाए रखीं लेकिन सीएम त्रिवेन्द्र अंगद की तरह जमे रहे हैं। उत्तराखंड को अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए राजनीतिक अस्थिरता के गर्त में धकेलने के कुत्सित प्रयासों का सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सफल नहीं होने दिया और एक स्थिर सरकार राज्य को देने में अबतक सफल रहे हैं। अब तक के बेदाग कार्यकाल और दबाव में न आने की अपनी क्षमता के चलते पूरी उम्मीद है कि वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड को अपनी निजी जागीर समझ अपनी 'हनक' के दम पर मनमर्जी चलाने के आदी राजनेताओं को भी कस के रखा। जिन महारथियों ने सूबे के दिग्गज मुख्यमंत्रियों को भी दिन में तारे दिखा दिए थे आज उनको खबरों में आने के लिए भी इमोशनल कार्ड खेलना पड़ रहा है। उन अतिमहत्वाकांक्षियों की छटपटाहट देखते ही बनती है। बहरहाल, राजनीतिक स्थिरता से जहां राज्य की विकास की नीतियों में भी स्थिरता आई वहीं राज्य के विकास के लिए दूरगामी योजनाओं को लगातार शुरु किया गया। इससे राज्य के निवासियों के मन में विश्वास भी जमा है कि उत्तराखंड में एक स्थिर सरकार बेहतर ढंग से अपना कार्यकाल पूरा कर सकती है। जिसका असर एक बेदाग और भ्रष्टाचार रहित सरकार के रूप में देखने को मिला है।