राज्य में पानी की बर्बादी को रोकने की चल रही है तैयारी

राज्य में पानी की बर्बादी को रोकने की चल रही है तैयारी

देहरादून : उत्तराखंड में हर घर में पानी का मीटर (Water Meter) लगाने काम किया जा रहा है। यह काम राज्य का जल संस्थान कर रहा है। राज्य में फिलहाल श्रीनगर में लोगों के घरों में पानी के मीटर लग चुके हैं, वहीं नैनीताल और हल्द्वानी में भी पानी का मीटर लगाने का काम जारी है। प्रशासन का कहना है कि मीटर लगने से पानी की बर्बादी रोकी जा सकेगी क्योंकि बिल भुगतान को देखते हुए लोग पानी को जरूरत के मुताबिक ही खर्च करेंगे।
इस मीटर व्यवस्था के तहत दो हज़ार लीटर पानी के इस्तेमाल पर बिल की राशि फिक्स रहेगी लेकिन पानी की मात्रा इससे ऊपर होने पर अतिरिक्त चार्ज देना पड़ेगा। जल संस्थान के अधिकारियों का कहना है कि मीटर लगने से लोग पानी को बर्बाद नहीं करेंगे। दरअसल अभी पानी के बिल पर फिक्स रेट तय है ऐसे में लोग जितनी मर्जी उतना पानी इस्तेमाल करते हैं।  
जिस तरह बिजली के मीटर में प्रति यूनिट के हिसाब से बिल जनरेट होता है, उसी तरह पानी के मीटर में किलोलीटर (1000 लीटर) के हिसाब से पानी का बिल जनरेट होगा। इस स्कीम के तहत प्रति परिवार साढ़े 20 किलोलीटर पानी के इस्तेमाल पर मिनिमम एक चार्ट के तहत त्रैमासिक बिल आएगा। वहीं, 20 किलोलीटर से अधिक पानी के इस्तेमाल पर निर्धारित स्लैब के तहत बिल बढ़ता चला जाएगा। ऐसे में अगर हर महीने 20 किलोलीटर ही पानी का इस्तेमाल होता है, तो जो त्रैमासिक बिल लोगों के घर आएगा, वह 12 सौ रुपए के आसपास होगा।
जल संस्थान के महाप्रबंधक एस के शर्मा का कहना है कि इसका उद्देश्य लोगों को पानी का महत्व समझाना है। जहां वाटर मीटर लगे हैं वहां पानी की एक बड़ी बचत भी देखने को मिली है।