दो सूत्रीय मांगों को लेकर NHM कर्मचारियों का देहरादून में जोरदार प्रदर्शन
देहरादून: ग्रेड वेतन बढ़ाने व आउटसोर्स से हो रही भर्तियों पर रोक लगाने की माग को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) संविदा कर्मियों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास कूच किया। हालांकि, पुलिस ने हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इस दौरान एनएचएम कर्मियों व पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई। जिससे नाराज एनएचएम कर्मी बैरिकेडिंग के पास ही धरने पर बैठ गए और ताली-थाली बजाने लगे। मुख्यमंत्री के जनसंपर्क अधिकारी राजेश सेठी ने मौके पर पहुंचकर उनकी अधिकारियों से वार्ता कराने व जल्द मागों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन एनएचएम कर्मी मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने की बात पर अड़े रहे। देर शाम पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया व परेड मैदान लाकर छोड़ दिया। एनएचएम कर्मियों ने सचिवालय कूच का भी एलान किया है।
हरियाणा की तर्ज पर बढ़ा हुआ ग्रेड वेतन, 60 साल की उम्र तक सेवा का लाभ, आउटसोर्सिंग मे माध्यम से हो रही भर्तियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने और आउटसोर्स कर्मियों के एनएचएम में समायोजन की माग को लेकर एनएचएम संविदा कर्मी बीते सात दिसंबर से आंदोलनरत हैं। इस क्रम में उन्होंने एनएचएम संविदा कर्मचारी संगठन के बैनर तले सीएम आवास कूच किया। प्रदेश अध्यक्ष सुनील भंडारी ने कहा कि बीते मई माह में भी संविदा कर्मचारियों ने आठ दिन तक चरणबद्ध आदोलन किया था। तब एनएचएम प्रबंधन ने एक माह में सभी मागों का समाधान करने का भरोसा दिया था, लेकिन छह माह बाद भी स्थिति जस की तस है। ऐसे में संविदा कर्मियों के पास दोबारा आदोलन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। कहा कि कोविड महामारी में एनएचएम संविदा कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना ड्यूटी की है। स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित कई महत्वपूर्ण योजनाओं के संचालन का जिम्मा भी संविदा कर्मियों के पास है। इसके बाद भी सरकार व एनएचएम प्रबंधन उनकी न्यायोचित मागों को नजरअंदाज कर रहा है। स्वास्थ्य मंत्री उन्हें बार-बार समय देकर भी नहीं मिल रहे। निम्न वेतनमान पर संविदा कर्मचारियों से कार्य कराया जा रहा है।