उत्तराखंड के एक और युवक ने जीती माय इलेवन सर्किल से एक करोड़ की धनराशि 

उत्तराखंड के एक और युवक ने जीती माय इलेवन सर्किल से एक करोड़ की धनराशि 
उत्तराखंड के वीरेंद्र ने जीती माय इलेवन सर्किल से एक करोड़ की धनराशि 

इससे पूर्व गैरसैंण के युवक ने भी जीते थे 1करोड़ रुपये
बागेश्वर। सिमस्यारी ग्राम पंचायत के युवक के हाथ बड़ा जैकपॉट लगा है। उसने आईपीएल के दौरान पंजाब और राजस्थान के बीच हुए मैच में माय इलेवन सर्किल पर टीम बनाकर एक करोड़ की धनराशि जीती है। इससे पूर्व गैरसैंण के युवक ने भी इसी एप के माध्यम से एक करोड़ रुपये अपने नाम किए थे। उसकी जीत से परिवार और क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर है। मूल रूप से सरना गांव निवासी युवक वीरेंद्र सिंह नेगी दिल्ली के एक होटल में काम करता है। जीवन सिंह नेगी और माधवी देवी का पुत्र वीरेंद्र चार भाई-बहनों में सबसे छोटा है। उसने राइंका भटखोला से इंटरमीडिएट किया। इसके बाद 2011 में नौकरी की तलाश में दिल्ली चला गया। इस साल कोरोना काल में हुए लॉकडाउन के समय वह चार महीने तक गांव में रहा। इसी महीने वह वापस दिल्ली लौटा था। जहां बीते रविवार को उसने माय इलेवन सर्किल के मेगा कांटेस्ट में 100 रुपये की एंट्री जमा कर टीम बनाई। इस प्रतियोगिता के एक करोड़ 70 लाख प्रतिभागियों में वह पहले स्थान पर रहे और एक करोड़ रुपये की धनराशि अपने नाम की। वीरेंद्र ने बताया कि गैरसैंण के दर्शन ने माय इलेवन सर्किल पर टीम बनाकर एक करोड़ रुपये जीते थे। इससे प्रेरित होकर उसने भी इस एप पर टीम बनाई। बताया कि शुक्रवार और शनिवार को भी उन्होंने इसमें भाग लिया था। इसके बाद रविवार को हुए साप्ताहिक मेगा कांटेस्ट में भाग लिया। यहां किस्मत ने साथ दिया और एक करोड़ रुपये जीत गया। उन्होंने बताया कि 30 प्रतिशत टैक्स कटने के बाद उन्हें 70 लाख रुपये की धनराशि मिलेगी। जिसे खर्च करने के बारे में उन्होंने फिलहाल सोचा नहीं है। कुछ दिन रिलेक्स करने के बाद आगे की योजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि वह अपने परिवार के साथ बैठकर भविष्य की प्लानिंग करेंगे। इसके बाद आगे के बारे में सोचा जाएगा।
लॉकडाउन में श्रमदान से बनाया था रास्ता
वीरेंद्र के परिवार के सदस्य और दिल्ली में ही रहने वाले मित्र किशन नेगी ने बताया कि इस लॉकडाउन में वह और वीरेंद्र एक साथ घर आए थे। इसके बाद चार महीने तक गांव में श्रमदान कर रास्ते आदि की मरम्मत की थी। बताया कि वीरेंद्र गांव में रहकर ही रोजगार करना चाहता था, लेकिन कोई स्कोप नहीं दिखने पर फिर से दिल्ली लौट गया। शायद यहां आकर उसकी किस्मत में करोड़पति बनना लिखा था। उन्होंने कहा कि आज अपने मित्र पर गर्व हो रहा है। पूरा गांव उसकी सफलता से खुश है। बताया कि अब उसे किसी तरह की दिक्कत नहीं झेलनी पड़ेगी।