उत्तराखंड: दो बाबाओं ने किया गांव के बच्चे का अपहरण

उत्तराखंड: दो बाबाओं ने किया गांव के बच्चे का अपहरण
उत्तराखंड: दो बाबाओं ने किया गांव के बच्चे का अपहरण

नैनीताल: बेतालघाट ब्लॉक में रतौड़ा गांव के मंदिर में में रहने वाले दो बाबाओं ने गांव के उसी बालक (12) का अपहरण कर लिया, जो उन्हें खाना खिलाता था।  काफी ढूंढखोज के बाद किशोर को दूसरे गांव हल्सों के मंदिर से बरामद कर लिया गया। राजस्व पुलिस ने आरोपी बाबाओं को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। दोनों बाबाओं को सोमवार को अदालत में पेश किया जाएगा।  
राजस्व पुलिस के अनुसार शुक्रवार देर रात करीब 2:30 बजे गांव के मंदिर में रहने वाले एक बाबा और उसके चेले ने हिमांशु मेहरा पुत्र शंकर सिंह मेहरा को अगवा कर लिया। वे हिमांशु को गांव से तीन किमी दूर हल्सों गांव के मंदिर में ले गए और उसे वहां बंद कर लिया। हिमांशु के  परिजन अपने परिचित के घर जागर में गए थे। जब वे लौटे और उन्हें हिमांशु घर पर नहीं मिला तो वे परेशान हो गए।
उन्होंने ग्रामीणों के साथ रातभर हिमांशु की खोजबीन की और राजस्व पुलिस को सूचना दी। शनिवार सुबह तक हिमांशु का पता नहीं चला तो गांव के सभी लोग इकट्ठा हो गए। वे हिमांशु को ढूंढते हुए कोसी नदी के किनारे पहुंचे, जहां उसके कपड़े मिले। इधर, हल्सों गांव में मंदिर के पास काम पर गए मजदूर विनोद शर्मा को मंदिर के कमरे से दरवाजा खटखटाने की आवाज सुनाई दी। विनोद ने ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी।
ग्रामीणों ने कमरे का ताला तोड़कर देखा तो वहां हिमांशु बंद था। जैसे ही उसने परिजनों को देखा वह गले लगकर रोने लगा। हिमांशु ने बाबाओं के कपड़े पहने हुए थे। यह देख परिजन और ग्रामीण भड़क गए और वे हिमांशु को रतौड़ा ले आए। पटवारी प्रवीण ह्यांकी ने बाबाओं को हिरासत में ले लिया।
दोनों के खिलाफ अपहरण के आरोप में धारा 363 अ के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पटवारी ने बताया कि सोमवार को दोनों को अदालत में पेश किया जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि  आरोपी बाबा टिहरी निवासी पूरन गिरि (62) दो साल से हल्सों गांव के मंदिर में रह रहा था। उसका चेला पौड़ी निवासी संध्या गिरि (19) दो महीने पहले ही आया था और रतौड़ा गांव में रह रहा था।
बाबा भी ग्रामीणों के साथ हिमांशु को ढूंढ रहे थे
आरोपी बाबा इतने शातिर थे कि दोनों ग्रामीणों के साथ हिमांशु को ढूंढ रहे थे ताकि किसी को उन पर शक न हो। यही नहीं कोसी नदी के किनारे हिमांशु के कपड़े पड़े होने की सूचना भी ग्रामीणों को उन्हीं में से एक ने दी। बाद में दोनों की पोल खुलने पर ग्रामीणों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए राजस्व पुलिस उन्हें बेतालघाट तहसील ले गई। 
बाबाओं को भोजन कराता था हिमांशु
हिमांशु दोनों बाबाओं की खूब सेवा करता था। परिजनों ने बताया कि बाबा हिमांशु से अच्छे से परिचित थे। वह उन्हें भोजन भी कराता था। इसी का फायदा उठाकर उन्होंने हिमांशु को अगवा किया। वे हिमांशु को अपनी तरह बाबा बनाना चाहते थे।
 क्षेत्र में घूम रही थी हरियाणा नंबर की कार 
ग्रामीणों के अनुसार हिमांशु को आरोपी बाबा गांव से बाहर ले जाने की तैयारी में थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हरियाणा के नंबर की एक कार भी क्षेत्र में देखी गई, जिससे पता चलता है कि वह इसी कार से हिमांशु को अपने साथ ले जाने की फिराक में थे। ग्रामीणों ने कहा कि समय रहते उन्हें हिमांशु के गायब होने का पता चल गया, नहीं तो आरोपी अपनी साजिश में कामयाब हो जाते।
संयुक्त मजिस्ट्रेट ने भी पहुंचकर जानकारी ली
संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन ने भी मौके पर पहुंचकर जानकारी ली। उन्होंने जांच के बाद दोनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही। इस दौरान कौश्याकुटौली की नायब तहसीलदार बरखा जलाल, प्रधान मंजू देवी, मदन सिंह, पूरन सिंह, चंदन सिंह, कुबेर सिंह, वीरेंद्र सिंह, गंगा देवी, नंदी देवी समेत बेतालघाट और खैरना पुलिस मौजूद थी।