संगरूर अनाज मंडियों में खाद्यान्न की ढुलाई के दौरान धोखाधड़ी करने के आरोप में विजिलेंस ने तीन ठेकेदारों, तीन फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज किया

संगरूर अनाज मंडियों में खाद्यान्न की ढुलाई के दौरान धोखाधड़ी करने के आरोप में विजिलेंस ने तीन ठेकेदारों, तीन फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज किया

पंजाब विजिलेंस ब्यूरो (वीबी) ने राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम के दौरान पंजाब में खाद्यान्न की ढुलाई के लिए टेंडरों के आवंटन, परिवहन के लिए क्लस्टरों की क्लबिंग और लेबर टेंडरों में धोखाधड़ी का पता चलने के बाद संगरूर जिले की विभिन्न अनाज मंडियां में तीन ठेकेदारों और तीन फर्मों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। इस मामले में आगे की जांच चल रही है।

विजिलेंस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि यह मामला ठेकेदार परमवीर सिंह निवासी धनौला, जिला बरनाला, ठेकेदार जसवंत राय निवासी गांव मालेवाल, जिला एसबीएस नगर, ठेकेदार राजीव कुमार जैतों, मेसर्स जिम्मीदारा, ट्रांसपोर्ट कंपनी खन्ना, मेसर्स: जैलदार कॉन्ट्रैक्टर्स, मेसर्स: जगरूप सिंह और संदीप कुमार मलेरकोटला के खिलाफ दर्ज किया गया है। 

उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि वर्ष 2019-20 के दौरान खाद्यान्न की ढुलाई के लिए टेंडर आवंटित करते समय उक्त आरोपितों ने आपस में मिलीभगत कर ढुलाई के अलावा ढुलाई के लिए कलस्टरों की संख्या और श्रम निविदाएं कम कर दी।

इससे पहले परिवहन के लिए लगभग 58 क्लस्टर, ढुलाई के लिए 50 क्लस्टर और श्रम कार्य के लिए लगभग 180 क्लस्टर थे, जिसके कारण छोटे ठेकेदारों को निविदा प्रक्रिया में भाग लेने के लिए उपयोग किया जाता था।

ठेकेदारों में होड़ के कारण कम दर वाले टेंडर आवंटित कर दिये गये लेकिन वर्ष 2020-21 में उक्त क्लस्टरों को बिना किसी वैध कारण के बहुत बड़ा बना दिया गया ताकि नई नीति के अनुसार छोटे ठेकेदार अधिक टर्नओवर शर्त की पूर्ति न कर सकें और निविदाओं में भाग लें।

उन्होंने आगे बताया कि उक्त आरोपियों ने विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की मिलीभगत से परिवहन के लिए 39 क्लस्टर, ढुलाई के लिए 21 क्लस्टर, लेबर व कार्टेज के लिए 8 क्लस्टर और लेबर के अलग-अलग 21 क्लस्टर बनाए थे। 

प्रवक्ता ने आगे बताया कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले संगरूर विभाग से गेट पास में पंजीकृत वाहनों की सूची प्राप्त करने के बाद यह पाया गया कि स्कूटर/मोटरसाइकिल/कार आदि के पंजीकरण नंबर वाले कई वाहन थे, जबकि ऐसे वाहनों से परिवहन का कार्य नहीं हो पाता था।

उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि इन आरोपियों द्वारा फर्जी गेट पास के आधार पर सरकारी धन का गबन किया गया है। इस संबंध में, आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120-बी के तहत एफआईआर संख्या 06 दिनांक 22/02/2023 और रोकथाम की धारा 13(1)(ए), 13(2) भ्रष्टाचार अधिनियम। विजिलेंस ब्यूरो पटियाला थाने में दर्ज किया गया है।