पर्वत माला प्रोजेक्ट के अंतर्गत यमुनोत्री रोपवे योजना जल्द

पर्वत माला प्रोजेक्ट के अंतर्गत यमुनोत्री रोपवे योजना जल्द

उत्तरकाशी : उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री धाम तक यात्रा करने के लिए जानकी चट्टी तक ही सड़क मार्ग है जबकि मंदिर तक पंहुचने के लिए करीब 5 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई की दूरी पैदल ही तय करनी पड़ती है। मार्ग इतना संकरा और खतरनाक है कि प्रत्येक यात्रा काल में प्रतिवर्ष भीड़ अधिक होने के कारण कई यात्री हार्टअटैक से अपनी जान गंवा देते हैं। 
वर्ष 2006 में यमुनोत्री धाम को रोपवे से जोड़ने का प्रस्ताव बना था जिसके लिए पर्यटन विभाग द्वारा 2012 में निविदा भी जारी की गई थी लेकिन सरकारों और हुक्मरानों की दृढ़ इच्छाशक्ति के अभाव में 15 साल बीत जाने के बाद भी ये रोपवे परवान नही चढ़ पाया। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर्वत माला  प्रोजेक्ट में रोपवे को शामिल किए जाने और उसके लिए बजट का प्रावधान होने से हाशिये पर जा चुके यहां के दर्शनीय स्थलों (गंगोत्री धाम और यमुनोत्री धाम) के गुलजार होने की पूरी संभावनाएं दिखाई दे रही है। जिससे पर्यटन के साथ ही साथ घोस्ट विलेज में तब्दील हो रहे गांव को बचाया जा सकेगा साथ ही कमाई का जरिया भी बढ़ेगा। 
यदि इस इलाके में रोपवे बन जाता तो यात्रियों की रिकार्ड आमद होती जिससे चारधाम यात्रा से जुड़े व्यापारियों को फायदा होने के साथ साथ स्थानीय होटल, व्यवसायियों के आमदनी का जरिया भी बढ़ेगा। यमुनोत्री में रोप वे का इंतजार स्थानीय लोग ही नहीं देश- विदेश के आम श्रदालु भी कर रहे हैं।