हरियाणा के सिरसा से अशोक तंवर को बीजेपी का लोकसभा टिकट, जाने कौन हैं अशोक तंवर ?

 हरियाणा के सिरसा से अशोक तंवर को बीजेपी का लोकसभा टिकट, जाने कौन हैं अशोक तंवर ?

  हरियाणा में बीजेपी ने लोकसभा चुनावों में छह प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर, अशोक तंवर समेत छह लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए गए हैं।


सिरसा और करनाल में बीजेपी ने चौंकाने वाले नाम दिए हैं। हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल को करनाल से जबकि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आप समेत कई पार्टियों में सफर कर चूके अशोक तंवर को सिरसा लोकसभा से टिकट दिया है।

डा. अशोक तंवर हरियाणा की सियासत के प्रमुख किरदारों में शुमार हैं। संगठन एवं चुनाव प्रबंधन में उनका लंबा अनुभव है। वे संगठन में कई अहम पदों पर काम कर चुके हैं। 2009 में सिरसा से सांसद रह चुके डा. अशोक तंवर सिरसा लोकसभा से तीन चुनाव लड़ चुके हैं। वे युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के अलावा हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 


वे हरियाणा की कई सीटों पर प्रभाव रखते हैं। एक असरकारक और ऊर्जावान नेता हैं। युवाओं सहित सभी वर्गों में उनकी प्रभावी पैठ है। विशेष बात यह है कि वे 24 घंटे में से 16 घंटे तक सक्रिय रहते हैं। 


डा. अशोक तंवर का जन्म 12 फरवरी 1976 को झज्जर के गांव चिमनी में हुआ। डा. तंवर के पिता भारतीय सेना में रहे हैं। एक साधारण परिवार में जन्मे डा. तंवर शुरू से ही काबिल व मेहनती रहे। 


उन्होंने काकतिया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने देश के प्रतिष्ठित संस्थान जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से इतिहास में एमए, एमफिल और पीएचडी की डिग्री हासिल की। साल 1999 में उन्हें एनएसयूआई का सचिव और साल 2003 में प्रधान बनाया गया। 


29 बरस की आयु में वे युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने और इसके बाद युवा कांग्रेस ने देश की सियासत में एक नया आयाम स्थापित किया। 


उन्होंने युवा कांग्रेस आम आदमी का सिपाही की अवधारणा को लागू किया। संघर्ष, संजीदगी, सकारात्मक सोच के चलते उन्होंने युवा कांग्रेस का दायरा व्यापक किया। युवाओं को राजनीति से जोडऩे के लिए उन्होंने विशेष कार्यक्रम शुरू किए। 


उन्होंने सही मायने में संगठन में जनतंत्र की अवधारणा को स्थापित किया। डा. तंवर की ही दूरदर्शी सोच का नतीजा रहा कि युवा कांग्रेस में मतदान के आधार पर पदाधिकारियों को चयन करने का फार्मूला लागू किया। यह फार्मूला आज भी युवा कांग्रेस में जारी है। अप्रैल 2009 में उन्हें सिरसा से उम्मीदवार बनाया गया।


सिरसा चौटाला का किला। 35 दिनों में इस नौजवान ने इनैलो के डा. सीताराम को 35001 वोटों से हरा दिया। इसके बाद डा. तंवर ने सिरसा को अपनी कर्मभूमि बनाया। सिरसा में ही अपना घर बना लिया। 


एक सांसद के रूप में सकारात्मक रहा कार्यकाल
डा. अशोक तंवर ने सिरसा में विकास की नई इबारत लिखी। डबवाली से दिल्ली तक फोरलेन हाइवे उनके ही प्रयासों का प्रतिफल रहा। कई ओवरब्रिज बनवाए गांवों में सडक़ों का जाल बिछा। 


उन्होंने सिरसा के 100 से अधिक गांवों में जिम स्थापित किए। 150 से अधिक गांवों में कम्प्यूटर व सिलाई सैंटर बनवाए। इससे पहले जून 2005 में डा. तंवर की शादी अवंतिका ललित माकन से हुईं। 


अवंतिका तंवर पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की नाती हैं। उनके पिता ललित माकन देश के एक बड़े राजनेता रहे। अब तंवर संघर्ष की भूमि में तपकर कुंदन बन चुके थे। हीरे को जौहरी पहचानता है। कांग्रेस हाईकमान ने फरवरी 2014 में डा. तंवर को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया।