आरएसएस ने दोहराया हिंदू राष्ट्र सिद्धांत, सामाजिक बदलाव के पांच आयामों पर काम करने का संकल्प

आरएसएस ने दोहराया हिंदू राष्ट्र सिद्धांत, सामाजिक बदलाव के पांच आयामों पर काम करने का संकल्प

आरएसएस की सबसे महत्वपूर्ण संस्था अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) की वार्षिक बैठक कल यहां संपन्न हुई। पत्रकार वार्ता में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले जी ने डॉ. वेद प्रताप वैदिक के निधन पर शोक व्यक्त किया और सुबह-सुबह दिवंगत हुए प्रसिद्ध पत्रकार को श्रद्धांजलि अर्पित की।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय उत्थान की दिशा में आरएसएस के भविष्य के प्रयासों को देखते हुए वार्षिक रिपोर्ट की समीक्षा के दौरान एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया गया था। यह संकल्प समाज को दिशा प्रदान करेगा क्योंकि चल रहे अमृत काल के दौरान भारत आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहा है और जैसे-जैसे आरएसएस 2025 में अपनी शताब्दी के करीब आ रहा है। ऐसे समय में जब भारत वैश्विक नेतृत्व के पथ पर साहसिक कदम उठा रहा है, नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है जो भारत की प्रगति को बाधित करना चाहते हैं।

सरकार्यवाह  ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और पूरा समाज राष्ट्र के पुनरुत्थान के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने के लिए काम करता रहेगा। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हम इस अमृत काल में आगे बढ़ते हैं, देश के बारे में कथा बदलनी चाहिए और भारत से संबंधित सवालों के जवाब भारत से ही निकलने चाहिए। विकृत इतिहास को सही इतिहास से बदला जाना चाहिए, ताकि देशवासी अपनी विरासत पर गर्व कर सकें। कला, साहित्य और रचनात्मकता की अन्य अभिव्यक्तियों में समकालीनता झलकनी चाहिए।

संकल्प के अलावा महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती, छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350वें वर्ष और महावीर स्वामी के निर्वाण के 2550वें वर्ष पूरा होने पर तीन महत्वपूर्ण वक्तव्य जारी किए गए।

आरएसएस का शताब्दी वर्ष 2025 की विजयादशमी से शुरू होता है, लेकिन एबीपीएस ने ऐतिहासिक आयोजन के लिए कोई कार्ययोजना नहीं बनाई। हालांकि, सभा ने संघ के पदचिह्न का विस्तार करने और इसकी सेवा गतिविधि की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए एक रणनीति तैयार की है।