हरयाणा मे धरने पर बैठे क्लर्कों के समर्थ मैं आये सुशील गुप्ता

हरयाणा मे धरने पर बैठे क्लर्कों के समर्थ मैं आये सुशील गुप्ता

आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद डॉ़ सुशील गुप्ता ने कहा कि महीने भर से हरियाणा में वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर 15 हजार से ज्यादा क्लर्क धरने पर बैठे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल उनसे बात तक करने को तैयार नहीं हैं। हरियाणा में 30-30 साल सेवाएं देने के बाद क्लर्क रिटायर हो जाते हैं। मगर उनका प्रमोशन नहीं होता। बाकी सभी राज्यों में इनके पदों को अपग्रेड किया जाता है।

उन्होंने कहा, पहले हुड्डा सरकार इनको बहकाती रही और अब खट्टर सरकार भी इनके साथ यही कर रही है। क्लर्कों की मांग जायज और तर्कपूर्ण है, सरकार इनकी मांगों को जल्द पूरा करे। शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में सुशील गुप्ता ने कहा कि क्लर्कों की दशकों से यही मांग है कि इनके कार्यों की समीक्षा करके इनका वेतन बढ़ाया जाए व पे-ग्रेड को सही किया जाए। प्रदेश सरकार के क्लर्कों को स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन व टाइपिंग स्पीड का टेस्ट पास करना पड़ता है।

क्लर्क सरकार के सभी पोर्टल को चलाने का काम करते हैं। 20 अक्टूबर 2015 को सीएम ने क्लर्कों के कार्यों की समीक्षा के लिए एक कमेटी बनाई थी, जिसने क्लर्कों की मांगों को जायज माना था। लेकिन सरकार ने 2015 से लेकर आज तक कोई ध्यान नहीं दिया। माधवन कमेटी की रिपोर्ट को कूड़े में फेंक दिया गया। उन्होंने कहा कि जब से हरियाणा बना है, अध्यापक व जूनियर इंजीनियर के सभी पदों को रिवाइज कर दिया लेकिन क्लर्कों के पदों को रिवाइज नहीं किया गया।

मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर 1997, 1969, 1979 और 1986 में जेबीटी टीचर, जूनियर इंजीनियर और डिप्टी रेंजर सभी समान वेतन के थे। परंतु आज क्लर्कों का वेतन 19,900 के पे ग्रेड पर है, बाकी सभी का 35,400 रुपये वेतन है। ऐसी स्थिति में हरियाणा के सीएम को 5 जुलाई से हड़ताल पर बैठे क्लर्कों से बात करने की फुर्सत नहीं है।