भारत ब्रिटेन के व्यापारिक रिश्ते की अफवाह को भरतीय विदेश मंत्रालय ने बताया गलत

भारत ब्रिटेन के व्यापारिक रिश्ते की अफवाह को भरतीय विदेश मंत्रालय ने बताया गलत

लंदन: न्यूज़ पेपर द टाइम्स ने ब्रिटिश सरकार हवाले से बताया था, 'भारतीय विदेश मंत्रालय तब तक इस व्यापार समझौते को लेकर अपना रुख साफ नहीं करना चाहता, जब तक कि ब्रिटेन पूर्ण रूप से खालिस्तानी चरमपंथ की  निंदा नहीं करता,गौरतलब है की भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बात का रिपोर्ट का खण्डन किया है। 

भारत ने पूर्व में कहा था कि वह विदेश में अपने दूतावास में उपद्रव करने वालों के खिलाफ उचित कार्यवाही की उम्मीद करता है, की मौजूदा सरकार आश्वास्त करने के बजाय इन उपद्रवियों पर मुकदमा चलाएगी, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भी 24 मार्च को मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा था कि भारत मौजूदा सरकारों से ऐसी घटनाओ फिर कभी दोहराने वालों पर उचित कार्यवाही की अपेक्षा करती है.

पंजाब में भगोड़े अमृतपाल सिंह के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बाद कथित खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ताओं द्वारा लंदन, ब्रिटिश कोलंबिया और सैन फ्रांसिस्को में भारतीय मिशनों में तोड़फोड़ की गई थी।खालिस्तान आंदोलन के समर्थकों ने 19 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग में फहरा रहे तिरंगे को नीचे खींच लिया था और इमारत की खिड़की को तोड़ दिया था।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस घटना की घोर निंदा की थी और लंदन स्थित उच्चायोग में सुरक्षा के उल्लंघन को लेकर नई दिल्ली में तैनात ब्रिटेन के उप उच्चायुक्त को तलब किया था. इसके बाद 22 मार्च को पुलिस ने नई दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग के बाहर अस्थाई सुरक्षा बैरिकेड्स हटा दिए थे।