बेरोजगारों ने की सिडकुल में 70 फीसदी रोजगार स्थानीय लोगों को देने की मांग

बेरोजगारों ने की सिडकुल में 70 फीसदी रोजगार स्थानीय लोगों को देने की मांग
बेरोजगारों ने की सिडकुल में 70 फीसदी रोजगार स्थानीय लोगों को देने की मांग

हल्द्वानी: सिडकुल के औद्योगिक संस्थानों में 70 फीसदी रोजगार स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देने की मांग फिर से मुखर होने लगी है। शनिवार को लोगों ने डीएन के जरिए से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर वर्ष 2005 में जारी शासनादेश के तहत बेरोजगारों को सिडकुल की कंपनियों में स्थायी नौकरी देने व ठेकेदारी प्रथा से हो रहे शोषण को बंद करने की मांग की।इस दौरान लोगों ने कहा कि 25 अक्टूबर 2005 को सरकार ने शासनादेश जारी कर सभी औद्योगिक इकाइयां को अपने उद्योग में स्थानीय व प्रदेश के 70 फीसद रोजगार उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे। अब तक उद्योगों में इसका पालन नहीं किया जा रहा है। जिन स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध भी कराया जा रहा है, उन्हें ठेकेदारी प्रथा के अंतर्गत रखा जा रहा है।ठेकेदारी प्रथा में युवाओं का शोषण होने के साथ ही नाम मात्र की मेहनताना दियाा जा रहा है। क्षेत्रवासियों ने स्थानीय बेरोजगारों को 70 फीसद रोजगार न मिलने, ठेकेदारी प्रथा से हो रहे शोषण बंद न होने पर सड़कों पर उतरकर आंदोलन की चेतावनी भी दी है।इस दौरान भुवन चंद्र पोखरिया, पूर्व प्रमुख संध्या डालाकोटी, किरन डालाकोटी, पूर्व जिपं सदस्य नीरज तिवाड़ी, हेमे पलड़िया, वसीम अली, नीरज हारविल, मनीष दानी, चेतन जोशी, दिनेश चौसाली, महेश फुलारा, अनिल फुलारा, विनोद चौसाली व चंदल लटवाल आदि मौजूद रहे।