उत्तराखंड: पुलिस लूट कांड में विभागीय जांच पूरी, कार्रवाई का अभी इंतजार

उत्तराखंड: पुलिस लूट कांड में विभागीय जांच पूरी, कार्रवाई का अभी इंतजार
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देहरादून: 2019 के लोक सभा चुनावों के उत्तराखंड में चर्चित रहे ‘पुलिस लूटकांड’ के आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच पूरी होने की खबर अमर उजाला ने प्रकाशित की है। बता दें लूट में आईजी गढ़वाल की सरकारी कार का इस्तेमाल किया गया था। खबर के मुताबिक जांच में तीनों आरोपियों जिनमें एक सब इंस्पेक्टर और दो सिपाही शामिल हैं को दोषी पाया गया है। ऐसे में अब उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है। फिलहाल तीनों ही आरोपी सस्पेंड चल रहे हैं। हालांकि, डीआईजी का कहना है कि अभी वे ‘जांच रिपोर्ट’ का परीक्षण कर रहे हैं। 
ये थी घटना
घटना चार अप्रैल-2019 की रात की है। देश में लोकसभा चुनाव चल रहे थे। इस दौरान देहरादून के एक प्रॉपर्टी डीलर ने तीन पुलिसकर्मियों और एक कांग्रेस नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। रिपोर्ट में आरोप लगाया कि उसे एक सफेद रंग की स्कॉर्पियो कार में सवार पुलिसकर्मियों ने रोका और खुद को चुनाव आयोग की टीम बताकर रुपयों से भरा बैग उससे लिया और स्कॉर्पियो में रखकर फरार हो गए। मामले में जब प्राथमिक जांच हुई तो सीसीटीवी कैमरों के आधार पर तीनों पुलिसकर्मियों की पहचान सब इंस्पेक्टर दिनेश नेगी, सिपाही मनोज अधिकारी और हिमांशु उपाध्याय के रूप में हुई। इन तीनों के खिलाफ खिलाफ डालनवाला थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद जांच एसटीएफ को सौंपी गई। एसटीएफ ने तीनों पुलिसकर्मियों और कांग्रेसी नेता अनुपम शर्मा को गिरफ्तार किया। कांग्रेसी नेता पर आरोप था कि उसने इन पुलिसकर्मियों का इस घटना में पूरा-पूरा साथ दिया था। हालांकि, एसटीएफ लूटी गई रकम बरामद नहीं कर पाई थी। एसटीएफ ने पूछताछ और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मिले सुबूतों के आधार पर चारों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। 

एसपी देहात देहरादून  को सौंपी गई विभागीय जांच
इधर, इस मामले में एसपी देहात देहरादून को पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच सौंपी गई थी। अब यह जांच पड़ताल पूरी हो चुकी है, जिसकी रिपोर्ट उन्होंने डीआईजी अरुण मोहन जोशी को सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक जांच में तीनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं। ऐसे में मुख्यालय इनके खिलाफ अब बड़ी कार्रवाई कर सकता है। निलंबन पहले से चल रहा है। माना तो यह भी जा रहा है कि तीनों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई भी हो सकती है। 
राजपुर रोड पर दिया था घटना को अंजाम 
तीनों पुलिसकर्मियों ने तत्कालीन आईजी गढ़वाल रेंज अजय रौतेला की कार का इस्तेमाल किया था। उन्होंने राजपुर रोड स्थित एक होटल के पास घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद से लगातार पुलिस विभाग मामले की जांच कर रहा था। एक मर्तबा सेमी ज्यूडिशियल टीम ने भी जांच कर तीनों पुलिसकर्मियों को दोषी पाया था।