नाबालिग के दुष्कर्मी को 10 वर्ष कैद और 45 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा 

नाबालिग के दुष्कर्मी को 10 वर्ष कैद और 45 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा 
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हरिद्वार। नाबालिग से दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के मामले में विशेष जज पॉक्सो कोर्ट अंजली नौलियाल ने आरोपी युवक को दोषी करार दिया है। पॉक्सो कोर्ट ने दोषी को 10 वर्ष की कठोर कैद और 45 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। शासकीय अधिवक्ता आदेश चन्द चौहान ने बताया कि 18 अगस्त 2017 की सुबह लक्सर क्षेत्र के गांव से एक चौदह वर्षीय लडक़ी घर से गायब हो गई थी। परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की तो उसी दौरान एक ग्रामीण की चौपाल पर पीडि़ता के चिल्लाने की आवाज आई थी। ग्रामीणों को देखकर आरोपी युवक वहां से भाग गए थे। ग्रामीण बदहवास हालत में पीडि़ता को उसके घर ले गए थे। परिजनों ने चार आरोपियों पर पुत्री के साथ दुष्कर्म व लैंगिक हमला करने का आरोप लगाया था। पीडि़त लडक़ी ने परिजनों को सारी आपबीती बताई थी। उसी दिन पीडि़त लडक़ी के परिजनों ने आरोपी सतीश, जितेंद्र, विजय कुमार व लीला पर पीडि़ता के साथ दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज कराया था। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी सतीश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने आरोपी सतीश के खिलाफ विवेचना कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी युवक पर दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के आरोप तय किए थे। सरकारी पक्ष ने सात गवाह पेश किए गए। मामले की सुनवाई के बाद विशेष जज पॉक्सो कोर्ट न्यायाधीश ने आरोपी सतीश पुत्र चन्द्रभान निवासी ग्राम खड़ंजा कुतुबपुर कोतवाली लक्सर को दोषी पाते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास व 45 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की धनराशि जमा नहीं करने पर आरोपी को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश भी दिए हैं।
पीडि़त लडक़ी को आर्थिक सहायता देने के निर्देश

पॉक्सो कोर्ट ने पीडि़त किशोरी को निर्भया फण्ड से प्रतिकर धनराशि एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को दिलाने के निर्देश जारी किए हैं।