उत्तराखंड के अमरनाथ में हो रहे बाबा बर्फानी के भव्य दर्शन

उत्तराखंड के अमरनाथ में हो रहे बाबा बर्फानी के भव्य दर्शन

चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन सीमा पर स्थित नीती घाटी के अंतिम शिवालय में इन दिनों साक्षात बाबा बर्फानी का दर्शन हो रहा है। जिले के स्थानीय युवकों का ग्रुप नए साल के मौके पर टिम्मरसैंण महादेव (बर्फानी बाबा) के मंदिर गया था। उन्होंने बाबा बर्फानी की पहली तस्वीर ली जो शोसल मीडिया में खूब पसंद की जा रही हैं। 
कहां है टिम्मरसैंण?

उत्तराखंड में जोशीमठ-नीती हाईवे पर नीती गांव से करीब एक किलोमीटर दूर टिम्मरसैंण में पहाड़ी पर एक गुफा स्थित है। यहां टिम्मरसैंण महादेव का शिवालय है। जिसे लोग बाबा बर्फानी का मंदिर भी कहते हैं। यह कुदरत का करिश्मा ही है कि सर्दियों में भारी बर्फबरी के बाद यहां पहाड़ी से टपकने वाला पानी बर्फ बनकर शिवलिंग का आकार ले लेता है।
कहा जाता है कि बर्फबारी ठीक हो तो शिवलिंग की ऊंचाई तकरीबन पांच फुट तक पहुंच जाती है। बर्फ का शिवलिंग अप्रैल तक रहता है। बर्फ के इस शिवलिंग को लोग बाबा बर्फानी के नाम से पूजते हैं। सरकार ने 2018 में भी यात्रा शुरू करने की तैयारी कर ली थी, लेकिन भारी बर्फबारी के कारण रोक दी गई थी।


वहीं, इस समय नीति घाटी में तामपान माइनस में है। भारी बर्फ पड़ने से कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। झरने और नदियां तक जम गई हैं। जानकारी के अनुसार, प्रशासन इस साल फरवरी में टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा शुरू कराने पर विचार कर रहा है। खुद पर्यटन मंत्री तक कह चुके हैं कि टिम्मरसैंण महादेव को पर्यटन विभाग के सहयोग से यात्रा से जोड़ने के लिए जल्द ही कदम उठाया जाएगा। 
वहीं, सरकार की योजना है कि माणा गांव में तीर्थाटन को बढ़ावा देने और यात्रा में शामिल होने वाले यात्रियों के रात्रि प्रवास की व्यवस्था के लिए होम स्टे योजना शुरू की जाएगी। इससे ग्रामीणों को रोजगार भी मिल सकेगा। यात्रा के आयोजन का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही नीती घाटी में सिंचाई नहर के बजाय पाइप लाइन सिंचाई योजना का निर्माण करने और बीएडीपी (बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्लान) के तहत स्थानीय लोगों को ही रोजगार देने को लेकर प्रयास किए जाएंगे।