पिथौरागढ़: नाबालिग किशोरी से दरिंदगी, हाई कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान

पिथौरागढ़: नाबालिग किशोरी से दरिंदगी, हाई कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान
सांकेतिक तस्वीर

नैनीताल : पिथौरागढ़ जिले में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने उच्च न्यायलय को भी हिला कर रख दिया। कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेकर इस पर सुनवाई शुरू कर दी है। वहीं अब पीडि़त बच्ची के चाचा ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर किशोरी से हुई हैवानियत की कहानी बताने के साथ ही पुलिस की लचर कार्यप्रणाली को भी उजागर किया है।
पत्र के अनुसार, 13 साल की किशोरी पहली मार्च को अपने मित्र के साथ शिवरात्रि पर मंदिर गई थी और वहीं से लापता हो गई। उसी दिन रात नौ बजे जाजरदेवल थाने में रिपोर्ट लिखाई गई। छह दिन बाद बेहोशी की हालत में किशोरी को बरामद किया गया। उसने बताया कि उसे नशीला पदार्थ खिलाकर लगातार पांच दिनों तक उससे सामूहिक दुष्कर्म किया गया। होश में आने के बाद मारपीट करते हुए वीडियो भी बनाया गया।
इस मामले में पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार किया, जबकि बेटी से हैवानियत करने वालों में आठ से नौ लोग शामिल थे। आरोपितों के शराब के सौदागर होने का जिक्र करते हुए किशोरी के चाचा ने कहा है कि प्रभावशाली होने की वजह से पुलिस घटना को रफा-दफा करने का प्रयास कर रही है। आरोप लगाया कि पीडि़ता के लड़के के साथ भागने की अफवाह फैलाई गई, जबकि आरोपित किशोर शर्मा के मोबाइल पर हुई बातचीत में साफ है कि पीडि़ता का अपहरण किया गया था।
यह भी बताया है कि पुलिस ने आरोपित किशोर शर्मा को एक दिन लाकअप में रखने के बाद अगले दिन छोड़ दिया, जबकि उसके चेहरे पर नाखून के निशान साफ दिखाई दे रहे थे। पुलिस सीसीटीवी फुटेज मिलने के छह दिन तक हाथ में हाथ धरे बैठी रही। मेडिकल व फारेंसिक जांच भी नहीं की गई। आरोपितों की काल डिटेल की जांच भी नहीं की गई।
पीडि़ता के हाथ-पैर बांधने, गले पर नाखून और जांघों पर चोट के निशान भी थे। वह बार-बार बेहोश हो जा रही थी। पेट में दर्द हो रहा था। जिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ में भर्ती कराने के बाद दर्द होने पर नींद के इंजेक्शन दिए गए। अस्पताल में पीडि़ता की गोपनीयता को भी नजरअंदाज किया गया। पहले जनरल वार्ड में रखा गया, फिर प्राइवेट वार्ड में, जहां सिर्फ एक पर्दा था। पीडि़ता के पिता दिहाड़ी मजदूर हैं। उन्होंने मित्र व रिश्तेदारों की मदद से फैक्स के माध्यम से पत्र भेजा है।