सीएम भगवंत मान के निर्देश पर पंजाब सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य के लिए 71.50 करोड़ रुपये की राशि और जारी करेगी: जिम्पा

सीएम भगवंत मान  के निर्देश पर पंजाब सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य के लिए 71.50 करोड़ रुपये  की राशि और जारी करेगी: जिम्पा

राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री ब्रम शंकर जिम्पा ने आज सभी उपायुक्तों और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की और निर्देश जारी किए कि बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के पास इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है और सरकार को 100 करोड़ रुपये देने होंगे। राहत कार्य के लिए सभी उपायुक्तों को 33.50 करोड़ रुपये पहले ही जारी किये जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान जल्द ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए 71.50 करोड़ रुपये की एक और राशि जारी करेंगे। जिम्पा ने डिप्टी कमिश्नरों को मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा जारी निर्देशों से अवगत कराते हुए निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित लोगों तक सूखा राशन और दवाइयां पहुंचाई जाएं ताकि कोई भी इन आवश्यक वस्तुओं से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि इस समय हर व्यक्ति की जान-माल की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान अगर किसी व्यक्ति की जान जाती है तो उसके परिवार को तुरंत 4 लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जानी चाहिए।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपायुक्तों को संबोधित करते हुए आपदा प्रबंधन मंत्री ने कहा कि जर्जर मकानों की पहचान कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाये, ताकि किसी की जान न जाये. उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में हमें बाढ़ से प्रभावित हर व्यक्ति तक पहुंचना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को हर तरह की सहायता प्रदान करना पंजाब सरकार की प्राथमिकता है।

जिम्पा ने उपायुक्तों को जानवरों को बचाने, उनके चारे का प्रबंधन करने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक दवाओं की डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया। बैठक के दौरान जिम्पा ने संबंधित विभागों को बाढ़ से निपटने के लिए उपायुक्तों द्वारा जो भी मांगें की गई थीं, उन्हें पूरा करने का निर्देश दिया। कुछ जिलों ने एनडीआरएफ/एसडीआरएफ टीमों की मांग की जिसे मौके पर ही स्वीकार कर लिया गया।