बाबा रामदेव ने फिर की कोरोना की दवा लॉन्च, इस बार रिसर्च का भी दावा

बाबा रामदेव ने फिर की कोरोना की दवा लॉन्च, इस बार रिसर्च का भी दावा
बाबा रामदेव ने फिर की कोरोना की दवा लॉन्च, इस बार रिसर्च का भी दावा

नई दिल्‍ली: ओऔपतंजलि योगपीठ के बाबा रामदेव ने कोविड-19 के लिए दवा फिर से लॉन्‍च की है। शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में रामदेव के साथ केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हर्षवर्धन और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे। रामदेव ने दावा किया कि पतंजलि रिसर्च इंस्टिट्यूट की यह दवा विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) से सर्टिफाइड है। दावा है कि WHO ने इसे GMP यानी 'गुड मैनुफैक्‍चरिंग प्रैक्टिस' का सर्टिफिके‍ट दिया है। रामदेव ने कहा क‍ि यह दवा 'एविडेंस बेस्‍ड' है। रामदेव ने इस मौके पर एक रिसर्च बुक भी लॉन्‍च की है। रामदेव ने कहा, "कोरोनिल के संदर्भ में नौ रिसर्च पेपर दुनिया के सबसे ज्‍यादा प्रभाव वाले रिसर्च जर्नल्‍स में प्रकाशित हो चुके हैं। 16 रिसर्च पेपर पाइपलाइन में हैं।"
बाबा ने कहा जब हमने कोरोनिल के जरिए लाखों लोगों को जीवनदान देने का काम किया तो कई लोगों ने सवाल उठाए। कुछ लोगों के मन में रहता है कि रिसर्च तो केवल विदेश में हो सकता है, खासतौर पर आर्युवेद के रिसर्च को लेकर कई तरह के शक किए जाते हैं। अब हमने शक के सारे बादल छांट दिए हैं। कोरोनिल से लेकर अलग-अलग बीमारी पर हमने रिसर्च किया है।
कोरोना किट पर खूब हुआ था विवाद
पतंजलि ने पिछले साल जून में 'कोरोना किट' लॉन्‍च की थी। इसपर खासा विवाद हुआ था। आयुष मंत्रालय ने कहा था कि पतंजलि 'कोरोनिल' को केवल शरीर की ‘रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने' वाली बताकर बेच सकता है। रामदेव ने 'कोरोनिल' को तब कोविड-19 की दवा के रूप में लॉन्‍च किया था मगर विवाद के बाद वह उसे बीमारी का असर कम करने वाली दवा कहने लगे थे। रामदेव ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा था कि "मंत्रालय ने उनसे ‘कोविड का इलाज’ की जगह ‘कोविड प्रबंधन’ शब्द का इस्तेमाल करने के लिए कहा है।"
23 जून 2020 को रामदेव ने 'कोरोनिल' लांच करते हुए इससे कोविड-19 मरीजों को ठीक करने का दावा किया था। इसके लांच होते ही देश में विवाद छिड़ गया। उत्तराखंड के आयुष विभाग ने भी कोरोना की दवा बनाने की कोई अनुमति या लाइसेंस नहीं लिए जाने की बात कहते हुए पतंजलि आयुर्वेद को नोटिस जारी किया था।