उत्तराखंड: थराली के सोल क्षेत्र में बादल फटने से तबाही

उत्तराखंड: थराली के सोल क्षेत्र में बादल फटने से तबाही

थराली (मोहन गिरी): बीते 13  अगस्त की रात बादल फटने की घटना से अभी तक थराली के बाशिंदे उबर भी नहीं पाए थे। सडक मार्ग और मुख्यालय से जिन गाँवो का सम्पर्क कट चुका था वो अभी तक वैकल्पिक मार्गो की संभावनायें ही तलाश रहे थे कि गुरूवार रात फिर कुदरत ने अपना कहर बरपा दिया। फिर एक बार सोल क्षेत्र मे भारी बारिश और बादल फटने से भारी तबाही मच गयी। हालांकि अभी तक किसी भी प्रकार के जनहानि की सूचना तो नहीं है लेकिन कल प्राणमती नदी के बढ़े हुए जलस्तर ने एक बार फिर से सबको डरा दिया। नदी के तेज पानी के बहाव की गड़गड़गड़ाहट ने सबको घरों से निकलने को मजबूर कर दिया। अंधेरी रात मे प्राणमती के उफान की दहशत ऐसी कि नदी किनारे रहने वाले सभी परिवार अपने घरों को छोड़ सडकों पर आ गये।
थानाध्यक्ष थराली देवेंद्र रावत ने नदी किनारे रहने वाले सभी लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। वहीं उपजिलाधिकारी रविन्द्र जुवांठा और तहसीलदार थराली प्रदीप नेगी ने खुद् आगे आकर मोर्चा संभाला। प्राणमती नदी का जलस्तर कुछ कम होने पर आमजन के साथ स्थानीय प्रशासन ने कुछ राहत की सांस ली। लेकिन प्राणमती नदी तबाही के गहरे निशान गहरे छोड़ गई है। वैकल्पिक लकड़ी के पुल बहाने के साथ ही थराली गाँव  मे जहाँ 2 मकान पहले से ही प्रभावित थे उन मकानों को और ज्यादा नुकसान हुआ है।
वहीं खेती के नुकसान के साथ ही थराली गांव में पिंडर नदी के किनारे स्थित शिव मंदिर भी प्राणमती नदी के साथ आये मलबे मे पूरी तरह दब गया। वहीं प्राणमती नदी के तेज बहाव ने हमेशा बरसात मे रौद्र रूप् रखने वाली पिंडर नदी के वेग को भी थाम लिया और पिंडर नदी को झील मे तब्दील कर दिया। जिसके चलते ग्वालदम कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग पर संकट के बादल छाये हुए हैँ। देवाल तिराहे से सिमलसैण के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग के बीचोबीच लम्बी और गहरी दरारें उभर चुकी हैँ जो बड़े वाहनों की आवाजाही के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
वहीं प्रशासन नुकसान के आंकलन मे जुट गया है  और खतरे की जद में रह रहे सभी परिवारों ने अब विस्थापन की मांग उठाई है। प्रभावितों का कहना है कि लगातार दूसरी बार बादल फटने से ग्रामीण डरे और सहमे हैँ ऐसे में यहाँ पर रहना खतरे से खाली नहीं है। ग्रामीणों ने प्रशासन से विस्थापन की मांग उठाई है वहीं दूसरी ओर देवाल विकासखंड के कुलिंग वाण मोटरमार्ग मे बनायीं गयी वैल्कल्पिक पुलिया भी आपदा की भेंट चढ़ चुकी है और फिर एक बार वाण के सम्पर्क देश और दुनिया से कट चुका है।
वहीं उपजिलाधिकारी रविन्द्र जुवाठा ने बताया कि प्राणमती नदी मे बादल फटने से आये पानी ने थराली गांव मे कृषि भूमि और मकानों को क्षतिग्रस्त किया है। उपजिलाधिकारी ने बताया कि उक्त क्षेत्र मे 7 परिवार खतरे की जद मे हैँ जिनके विस्थापन की मांग पर उक्त स्थल के भूगर्भीय सर्वे कराया जायेगा ताकि विस्थापन की कार्यवाही अमल मे लाई जा सके। देखें वीडियो