यूपी सरकार 4सप्ताह में उत्तराखंड रोडवेज को 27.3 करोड़ रुपये का भुगतान करे : हाई कोर्ट  

यूपी सरकार 4सप्ताह में उत्तराखंड रोडवेज को 27.3 करोड़ रुपये का भुगतान करे : हाई कोर्ट  
यूपी सरकार 4सप्ताह में उत्तराखंड रोडवेज को 27.3 करोड़ रुपये का भुगतान करे : हाई कोर्ट  

नैनीताल। हाइकोर्ट ने शुक्रवार को रोडवेज कर्मचारी यूनियन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को चार सप्ताह के भीतर उत्तराखंड रोडवेज को 27.3 करोड़ रुपये का भुगतान करने के आदेश दिए। मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खण्डपीठ ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के री-कॉल प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। न्यायालय ने यूपी सरकार से सवाल किया कि मामले में अभी तक पूर्व के आदेश का पालन क्यों नही किया गया? खण्डपीठ ने उत्तराखंड सरकार से भी पूछा है कि रोडवेज के 78.68 करोड़ रुपये का भुगतान अभी तक क्यों नहीं किया गया है? जवाब देने के लिए सरकार को 17 नवम्बर तक का समय दिया गया है। सुनवाई के दौरान रोडवेज के प्रबंध निदेशक ने न्यायालय को बताया कि उत्तराखंड सरकार पर रोडवेज का 78.68 करोड़ रुपया बकाया है, जिसका अब तक निगम को भुगतान नहीं हुआ है। इस कारण निगम कर्मियों को समय पर वेतन नहीं दिया जा सका। एमडी ने न्यायालय को बताया कि निगम चार दिन के भीतर सभी कर्मचारियों को एक-एक माह का वेतन देने जा रहा है। अगली सुनवाई के लिए न्यायालय ने 17 नवम्बर की तिथि नियत की है।
कठिन दौर में ड्यूटी के बाद भी वेतन नहीं
याचिकाकर्ता रोडवेज कर्मचारी यूनियन की ओर से न्यायालय को बताया गया कि कोरोना काल से परिवहन निगम कर्मियों को वेतन नहीं दिया गया है। इसके अलावा उत्तराखंड सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार से बकाया राशि लेने के मामले में रुचि ले रही है। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि राज्य के रोडवेज कमर्चारियों ने कोविड 19 के कठिन दौर में अपने कर्तव्यों को बखूबी निभाया है।
सीएम ने की थी घोषणा पर पैसा रिलीज नहीं
खण्डपीठ के सम्मुख सुनवाई के दौरान रोडवेज कर्मचारी यूनियन के अधिवक्ता ने यह भी यह भी तथ्य उठाया कि मुख्यमंत्री की तरफ से जून में कर्मचारियों के वेतन के लिए 18 करोड़ रुपये देने की घोषणा की गई थी, परन्तु अभी तक उक्त राशि भी जारी नहीं की गई है। मामले के अनुसार, रोडवेज कर्मचारी यूनियन की तरफ से पूर्व में जनहित याचिका दायर कर कहा गया है कि कर्मचारियों को समय पर वेतन एवं अन्य भत्ते नहीं दिये जा रहे हैं। उत्तराखंड सरकार यूपी से पुराना पैसा वापस लेने के लिए प्रयास भी नहीं कर रही है। इस कारण परिवहन निगम प्रबंधन अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पा रहा है।