उत्तराखंड के दो युवाओं ने गांव में खोली एलईडी लाईट फैक्ट्री, पेश की स्वरोजगार की मिसाल

उत्तराखंड के दो युवाओं ने गांव में खोली एलईडी लाईट फैक्ट्री, पेश की स्वरोजगार की मिसाल
उत्तराखंड के दो युवाओं ने गांव में खोली एलईडी लाईट फैक्ट्री, पेश की स्वरोजगार की मिसाल

अल्मोड़ा: जहां चाह है और विश्वास है वहां विपरीत परिस्थितियों में भी कोई न कोई राह निकल आती है। ऐसा ही इन दिनों कोरोना वायरस के संकट के दौरान भी हो रहा है। उत्तराखंड के लाखों की संख्या में प्रवासी कोरोना संकट के दौरान लौटे हैं। परदेश की त्रासदी के कारण इनमें से अधिकांश उत्तराखंड में ही अपना रोजगार चाहते हैं। उत्तराखंड के आर्थिक हालात देखकर सरकारी नौकरी की उम्मीद करना भी बेमानी है। ऐसे में स्वरोजगार ही एकमात्र विकल्प बचता है। उत्तराखंड के ही कुछ उत्साही उद्यमी हैं जो इसकी मिसाल भी पेश कर रहे हैं। चम्पावत में चप्पल-जूता फैक्ट्री हो या, उत्तरकाशी में सोलर प्लांट की स्थापना ये युवा न केवल खुद का रोजगार सृजित कर रहे हैं बल्कि अपने साथ कुछ और लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं।
ऐसी ही एक और मिसाल पेश की है अल्मोड़ा जनपद के चौखुटिया विकासखण्ड में ग्राम पंचायत पटलगांव के दो युवाओं दिनेश शर्मा और गोविन्द सिंह ने। ये दोनों युवा भी लॉकडाउन के दौरान दिल्ली से वापस लौटे थे। यहां लौटकर इन्होंने अपने गांव में ही एलईडी लाईट प्रोजेक्ट शुरू कर अन्य लोगों को भी रोजगार दिया है। सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी इनके प्रयास को सराहा है। सीएम ने इन दोनों युवाओं को बधाई देते हुए अन्य युवाओं से भी स्वरोजगार की दिशा में आगे आ कर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में अपना सहयोग प्रदान करने की अपील की। सीएम ने कहा कि हमने "मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना" प्रारंभ की है जिसमें 150 से अधिक प्रकार के काम लिए जा सकते हैं। राज्य सरकार आपको हर संभव सहायता देने के लिए तत्पर है।