भाजपा सांसद मेनका गांधी के कथित ऑडियो पर मचा भयंकर बवाल, वेटनरी डॉक्टर्स ने जताया विरोध

भाजपा सांसद मेनका गांधी के कथित ऑडियो पर मचा भयंकर बवाल, वेटनरी डॉक्टर्स ने जताया विरोध
मेनका गांधी, फोटो साभार इंटरनेट

उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद मेनका गांधी का एक कथित ऑडियो जमकर वायरल हो रहा है। आरोप है कि मेनका गांधी ने वेटरनरी डॉक्टर के साथ बदसलूकी की है। यही नहीं, आरोप यह भी है कि बीजेपी सांसद ने डॉक्टर को जमकर गालीगलौच किया। इसको लेकर मेनका गांधी के कथित ऑडियो भी वायरल हो रहे हैं। इस बात को लेकर ट्विटर पर एक हैशटैग बायकॉट मेनका गांधी भी चलाया जा रहा है। इसी हैशटैग के साथ फिल्मकार अशोक पंडित ने भी एक ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि अब वक्त है कि अहंकारी और गालीबाज राजनेता मेनका गांधी को पार्टी से किया जाए और उनसे सारी शक्तियां छीन ली जाएं। उन्हें मेडिकल सहायता की तुरंत आवश्यकता है। मुझे पता है कि कई डॉग लवर्स को मेनका गांधी की ओर से परेशान किया गया है।  यही नहीं सांसद ने कथित ऑडियो में किसान, चौकीदार, ड्राइवर समेत अन्य निर्धन वर्ग के युवा पीढ़ी की ओर से वेटनरी डॉक्टर का कार्य करने पर घृणा व रोष व्यक्त किया है।  अब वह ऑडियो सुनिए जिसको लेकर पूरा विवाद है। इस ऑडियो की dankaram.in पुष्टि नहीं करता है।

उत्तराखंड में भी हुआ विरोध

उत्तराखंड राज्य पशु चिकित्सा सेवा संघ ने सांसद मेनका गांधी के पशु चिकित्सकों के प्रति अमर्यादित व्यवहार को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। पशु चिकित्सकों ने मेनका गांधी के खिलाफ नारेबाजी कर काली पट्टी बांध कर विरोध जताया। अखिल भारतीय पशु चिकित्सा सेवा संघ के अह्वान पर बुधवार को प्रदेश के पशु चिकित्सकों ने सांसद मेनका गांधी के खिलाफ प्रदर्शन किया। उत्तराखंड राज्य पशु चिकित्सा सेवा संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डा. कैलाश उनियाल और डा. आशुतोष जोशी ने कहा कि सांसद मेनका गांधी की ओर से लगातार वेटनरी डॉक्टरों के खिलाफ अमर्यादित व्यवहार किया जा रहा है।
सांसद ने किसान, चौकीदार, ड्राइवर समेत अन्य निर्धन वर्ग के युवा पीढ़ी की ओर से वेटनरी डॉक्टर का कार्य करने पर घृणा व रोष व्यक्त किया है। इस तरह का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। पशु निदेशालय में वेटनरी डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर सांसद मेनका गांधी के खिलाफ प्रदर्शन किया। जिसके बाद प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक, मुख्यमंत्री, केंद्रीय पशुपालन मंत्री, प्रदेश की पशुपालन मंत्री, मुख्य सचिव, पशुपालन सचिव और जिलाधिकारियों को ज्ञापन प्रेषित किया।