संकट के समय खुद को साबित कर नायक की तरह उभरे सीएम त्रिवेन्द्र

संकट के समय खुद को साबित कर नायक की तरह उभरे सीएम त्रिवेन्द्र
CM Trivendra Singh Rawat (File Pic)

देहरादून: कहावत है कि संकट के समय ही नायक की परीक्षा होती है। ऐसे में कोरोना से बड़ा और दूसरा क्या संकट हो सकता था नेताओं और नायकों की पहचान के लिए। सीएम त्रिवेन्द्र के लिए भी यह अग्नि परीक्षा की घड़ी थी। एक तरफ कोरोना के मामले बढ़ रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ लॉकडाउन में फंसे प्रवासियों को वापस लाने की चुनौती थी। ऐसे में बिना धैर्य खोए सीएम ने न केवल लाखों प्रवासियों को लाने के लिए बसों के बेड़े भेजे बल्कि केन्द्र सरकार से बेहतर समन्वय स्थापित कर विशेष रेलगाड़ियां भी चलवाईं। प्रवासियों की सुविधा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई और उच्च स्तरीय नोडल अधिकारी तैनात किये गये। प्रवासियों को क्वारन्टिन अवधि में असुविधा न हो इसके लिए विशेषक्वारन्टिन सेंटर बनाये गये, जहां पर उनकी देखभाल की गई। यही नहीं  2500 डॉक्टरों की तैनाती की गई जबकि पूर्व के वर्षों में यह संख्या मात्र 1081 थी। हर जिला अस्पताल में आई.सी.यू. बैड बनाये गये जो पहले केवल 3 जिलों में थे। 35 अस्पतालों को टेली रेडियोलॉजी से जोड़ा गया।कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत 400 से अधिक चिकित्सकों को नियुक्ति दी गई है। मार्च में राज्य में कोरोना संक्रमण की टेस्टिंग सुविधा नहीं थी। वर्तमान में 5 सरकारी और विभिन्न प्राईवेट लेब में कोविड-19 के सेम्पल की जांच की जा रही है। वर्तमान में 481 आईसीयू बेड, 543 वेंटिलेटर, 1846 आक्सीजनसपोर्ट बेड, 30500 आईसोलेशन बेड उपलब्ध हैं।
यही नहीं वापस आए प्रवासियों को उत्तराखंड में ही रोजगार भी मिले इसके लिए भी समानांतर कार्य किया और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरु की इसमें लगभग 150 प्रकार के काम शामिल किये गये हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना जैसी अभिनव योजना भी शुरू की गई है । इस योजना के तहत प्रदेश में 25 किलोवाट के सोलप प्रोजेक्ट स्थापित करने के लिए ऋण दिया जाएगा वहींबिजली खरीद के लिए यूपीसीएल से 25 साल का करार होगा। प्लांट से38 हजार यूनिट बिजली पैदा होगी, जिसे चार रूपये से ज्यादा प्रति यूनिट की दर से यूपीसीएल खरीदेगा। प्लांट से सालाना 1.70 लाख की बिजली पैदा होगी। बैंक की किस्त, मेंटनेंस आदि के बाद सालाना 70 हजार रूपये की बचत होगी। लोन खत्म होने पर हर माह 14 हजार रूपये से ज्यादा की कमाई घर बैठे होगी।
 लेकिन चुनौतियां यहीं समाप्त हो गईं हों ऐसा भी नहीं है। केन्द्र सरकार के अनलॉक शुरु करने के बाद अचानक से प्रदेश में कोरोना महामारी ने तेजी से पैर फैलाने शुरू कर दिए। ऐसे में एक बड़ा फैसला लेते हुए कोरोना के संक्रमण पर लगाम लगाने के मकसद से शुरू हुआ होम आइसोलेशन मॉडल बेहद सफल साबित हुआ है। संक्रमित लोगों को होम आइसोलेशन की अनुमति मिलने के बाद न केवल संक्रमण का डबलिंग रेट बढ़ा है बल्कि होम आइसोलेट किए गए अधिकांश लोग स्वस्थ भी हो चुके हैं।