महाराष्ट्र और कर्नाटक की सीमा पर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग

महाराष्ट्र और कर्नाटक की सीमा पर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग

महाराष्ट्र और कर्नाटक का सीमा विवाद बहुत समय पहले से चला आ रहा है परंतु अभी तक यहां सुलझ नहीं पाया है। दोनों राज्यों की तरफ से बयानबाजी जारी है। अब इसमें महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी कूद पड़े हैं। हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री दोनों ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी परंतु महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दोनों के बीच विवादित सीमा क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग कर डाली है।

उद्धव ठाकरे का कहना है कि हम कर्नाटक की जमीन का 1 इंच भी नहीं लेना चाहते हैं परंतु कर्नाटक ने महाराष्ट्र के जिस जमीन पर कब्जा कर रखा है। हम केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि उस जमीन को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया जाए।

कर्नाटक विधानसभा में सीमा विवाद को लेकर प्रस्ताव पेश हो चुका है परंतु महाराष्ट्र विधानसभा में अभी तक कोई प्रस्ताव पेश नहीं हुआ है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि "यह विवाद पिछले 56 सालों से चला आ रहा है। जब से दोनों राज्यों का भाषा के आधार पर बंटवारा हुआ है।  कर्नाटक ने जिस जमीन पर कब्जा कर रखा है वहां पर शताब्दियों से मराठी बोलने वाले लोग रहते हैं। एक पेन ड्राइव में मैं आपको दिखाऊंगा कि कैसे अट्ठारह सौ सत्तर के दशक में वहां पर लोग मराठी बोला करते थे।"