बंदी छोड़ दिवस के अवसर पर श्री दरबार साहिब में जलाए गए 1 लाख घी के दीपक
अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में बंदी छोड़ दिवस मनाया गया। श्री हरमंदिर साहिब के पवित्र सरोवर के चारों ओर मोमबत्तियों के साथ-साथ एक लाख घी के दीये जलाए गए। इसके बाद भव्य आतिशबाजी की गई। प्रदूषण को देखते हुए हरित आतिशबाजी का भी इस्तेमाल किया गया। शाम तक लगभग 3 लाख श्रद्धालु श्री हरमंदिर साहिब पहुँचे।
श्री हरमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि बंदी छोड़ दिवस न केवल प्रकाश का प्रतीक है, बल्कि स्वतंत्रता और न्याय का भी प्रतीक है। गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने ग्वालियर किले में कैद 52 राजाओं को रिहा किया और अमृतसर लौट आए। उनकी वापसी का जश्न श्रद्धालुओं ने घी के दीये जलाकर और आतिशबाजी करके मनाया। तब से, इस दिन को हर साल बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाया जाता है।